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ओसाका (जापान) : पैनासोनिक ओपन में भारत के गोल्फर राहिल गंगजी ने इतिहास बना दिया है। अंतिम होल में बर्डी के बूते जीत दर्ज कर उन्होंने पैनासोनिक ओपन में 14 साल के खिताबी सूखे को खत्म कर दिया है। अंतिम और 18वें होल से पहले तक 39 साल के गंगजी कोरिया के ह्युंगसुंग किम के साथ 13-अंडर से संयुक्त रूप से बराबरी पर थे लेकिन इस भारतीय खिलाड़ी ने संयम के साथ खेल जारी रखा और अंतिम होल में बर्डी कर 14-अंडर के स्कोर से खिताब अपने नाम किया। 

गंगजी ने अपना पहला एशियाई टूर का खिताब 2004 में चीन में जीता था। इस जीत से गंगजी को पुरस्कार राशि के रूप में 283,000 डालर के साथ पैनासोनिक सिं्वग में दूसरे स्थान पर रहने के लिए 50,000 डालर का बोनस भी मिला। सिं्वग में भारत के ही शिव कपूर पहले स्थान पर रहे जिन्हें बोनस के तौर पर 70,000 डालर मिले।

गंगजी जापान टूर का खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय है। इससे पहले ज्योति रंधावा (2003 में सनटोरी ओपन) और जीव मिल्खा सिंह (2006 में दो और 2008 में दो खिताब) ने जापान में खिताब जीते है। इसके अलावा पिछले साथ अजीतेश संधू ने भी 36 होल के जापान चैलेन्ज टूर का खिताब जीता था।

जीत से भावुक गंगजी ने कहा- यह 14 वर्षों के बाद हुआ। मुझे पहले भी खिताब जीतने के कई मौके मिले थे लेकिन आज से पहले मैं मौकों को कभी भुना नहीं पाया था। यह काफी मुश्किल 14 साल रहे। इस दौरान जिस चीज से मैं सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित हूं वह हैै खेल को जारी रखने की मेरी इच्छाशक्ति। अंतिम दौर में खेलने वाले अन्य भारतीयों में अजितेश संधू (69) संयुक्त रूप से दसवें जबकि एसएसपी चौरसिया (73) संयुक्त 40वें और अर्जुन अटवाल (75) संयुक्त 44 वें स्थान पर रहे।