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जालन्धर : एडिलेड टेस्ट अगर भारत जीता है तो इसमें सबसे बड़ा योगदान टीम इंडिया की नई दीवार यानी चेतेश्वर पुजारा को जाता है। खास तौर पर इस साल तो पुजारा ने ऐसे-ऐसे कारनामे कर दिखाए हैं कि भारतीय कप्तान विराट तो फख्र से अपना सिर ऊंचा कर सकते हैं। इस साल विदेशों में भारत ने 3 बड़ी जो जीत हासिल की है उनमें पुजारा का योगदान सबसे बढिय़ा रहा है यानी उन्होंने तीनों टेस्ट में बढ़ी पारियों खेलकर टीम इंडिया की लाज बचाए रखी। देखें डिटेल-

जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ
Pujara the wall : 3 best innings of cheteshwar pujara in 2018

2018 की शुरुआत में जब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में थी तब भी तेज पिचों पर पुजारा ही दीवार बनकर खड़े हो गए थे। जोहान्सबर्ग के मैदान पर पुजारा ने पहली पारी में तब 179 गेंदें खेलकर 50 रन बनाए थे। इसकी मदद से भारत विकेटों की पतझड़ में 187 रन बना पाया था। अगर पुजारा 50 रन ना बनाते तो भारतीय टीम 100 के नीचे ही लुढ़क सकती थी।
Pujara the wall : 3 best innings of cheteshwar pujara in 2018

ट्रेंटब्रिज में इंगलैंड के खिलाफ : जुलाई में जब भारतीय टीम इंगलैंड के महत्वपूर्ण दौरे पर गई तब भी पुजारा ने ट्रेंटब्रिज के मैदान पर टीम इंडिया के लिए 208 गेंदों में 72 रनों की महवत्पूर्ण पारी खेली। उक्त मैच में भारत पर जब हार के बादल मंडराने लगे थे ऐसे समय में उन्होंने अच्छी पारी खेल भारत को मैच में दोबारा लौटा दिया था।

Pujara the wall : 3 best innings of cheteshwar pujara in 2018

एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के ख्लिाफ : एडिलेड टेस्ट में अब ऑस्ट्रेलिया पर जीत में पुजारा का योगदान भूला नहीं जा सकता। उन्होंने पहली पारी में 123 रन बनाए जिसकी मदद से टीम इंडिया 250 रन बना पाई थी। बाद में उन्होंने दूसरी पारी में 71 रन बनाकर टीम इंडिया को ऐसी लीड दिलवाई जिसे ऑस्टे्रलिया पार नहीं जा पाया।

40 साल बाद एशियन टीम ने जीता पहला टेस्ट

Pujara the wall : 3 best innings of cheteshwar pujara in 2018

ऑस्ट्रेलिया में 40 साल बाद एशिया की किसी टीम ने सीरीज का पहला ही टेस्ट जीता है। इससे पहले 1978 में पाकिस्ता ने एमसीजी में खेला गया पहला टेस्ट जीता था। हालांकि यह सीरीज बाद में 1-1 से ड्रा रही थी। बता दें कि यह तीसरा मौका है जब भारत ने एक ही साल में एशिया के बाहर तीन टेस्ट जीते। इससे पहले भारत ने 1968 में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट जीते थे।