क्रिकेट को चुनौती देने के लिए तैयार है प्रो कबड्डी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 02:45 PM

pro kabaddi ready to challenge cricket

क्रिकेट बेशक देश का नंबर एक खेल माना जाता है लेकिन प्रो कबड्डी लीग ने मात्र चार वर्षाें में इतनी लोकप्रियता हासिल कर...

मुंबई: क्रिकेट बेशक देश का नंबर एक खेल माना जाता है लेकिन प्रो कबड्डी लीग ने मात्र चार वर्षाें में इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली है कि वह क्रिकेट को ही चुनौती देने के लिये तैयार हो गया है। वीवो प्रो कबड्डी लीग का पांचवां संस्करण जुलाई में बड़े और भव्य पैमाने पर शुरू होने जा रहा है और इसके आयोजकों ने पांचवें संस्करण की तैयारी के लिये बुधवार को यहां आयोजित एक सम्मेलन में विस्तृत रूप से जानकारी ली। इस दौरान लीग से जुड़े हुये अंशधारक और अनुभवी तथा युवा खिलाड़ी भी मौजूद थे। लीग कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने बताया कि इस बार टूर्नामेंट जुलाई से अक्टूबर तक 13 सप्ताह चलेगा जिसमें 12 टीमें 130 से ज्यादा मैच खेलेंगी। पिछले चौथे सत्र में आठ टीमें थीं और पांच सप्ताह तक 65 मैच खेले गये थे। इस बार टूर्नामेंट में तमिलनाडु , गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से चार नयी टीमों को जोड़ा गया है।  

देश में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल बना कबड्डी 
आयोजकों ने सम्मेलन के दौरान कई दिलचस्प आंकड़े दिये जिससे यह साबित होता है कि यह खेल क्रिकेट के बाद देश में टीवी पर देखा जाने वाला दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल बन गया है। यह भी दिलचस्प है कि प्रो कबड्डी लीग के अगले पांच साल का टाइटल प्रायोजक चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो है और इसी वीवो कंपनी ने इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के अगले पांच साल के लिये टाइटल अधिकार खरीदे हैं। क्रिकेट और कबड्डी के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाये तो आईपीएल में आठ टीमें अपने 10 सत्र में लगभग 60 मैच खेले जबकि प्रो कबड्डी के पिछले सत्र में आठ टीमों ने 65 मैच खेले थे।  

IPL की बराबरी करती है प्रायोजकों की संख्या
प्रो कबड्डी के पांचवें सत्र में जहां टीमों की संख्या बढ़कर 12 पहुंच गयी है वहां देखना दिलचस्प होगा कि आईपीएल के अगले सत्र में जब चेन्नई, राजस्थान की निलंबित टीमें वापिस लौटेंगीं तो टीमों की संख्या कितनी रखी जाएगी और उनके मैच कितने होंगे। प्रो कबड्डी लीग के आयोजकों ने दर्शक क्षमता और प्रायोजकों को लेकर कुछ आंकड़े भी जारी किये हैं। टूर्नामेंट के दूसरे सत्र में जहां लीग के पास नौ प्रायोजक थे वहीं पांचवें सत्र में उसके प्रायोजकों की संख्या बढ़कर 24 पहुंच गयी है जो आईपीएल की बराबरी करती है। पिछले साल हुई महिला कबड्डी लीग की टीवी पर दर्शक क्षमता 2016 के यूरो कप फुटबॉल से कहीं अधिक थी। इसके अलावा गत वर्ष अहमदाबाद में हुये कबड्डी विश्वकप को 11 करोड़ 40 लाख लोगों ने टीवी पर देखा था जिससे यह देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल बन गया है। 
 

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