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नई दिल्ली: एक समय ऐसा भी था, जब अफशां आशिक असंतुष्ट छात्रा के रूप में श्रीनगर की गलियों में पुलिस पर पत्थर फेंकने वाली लड़कियों के गुट की अगुवाई करती थीं। लेकिन अब हालात बदल गए हैं पत्थर फेंकने वाले छात्रों की यह पोस्टर गर्ल अब जम्मू-कश्मीर महिला फुटबाल टीम की कप्तान बन गई हैं। 

अफशां की कहानी और उसके जीवन में आया ये बदलाव किसी सपने जैसा है। यह एक तरह से कश्मीरियों के दिलों को जीतने की सरकार की कोशिशों की दास्तां भी बयान करता है। इस 21 वर्षीय खिलाड़ी ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके उन्हें राज्य में खिलाड़ियों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में बताया और उनसे मदद मांगी। अफशां ने कहा कि वह वापस मुड़कर नहीं देखना चाहतीं।

अफशां की जिंदगी पर जल्द ही फिल्म भी बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। वह विजेता बनना चाहती हैं और कश्मीर के साथ देश को गौरवान्वित करने के लिए कुछ करना चाहती हैं। बॉलीवुड के मशहूर फिल्मकार अफशां की कहानी पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अपने नाम का खुलासा नहीं करना चाहते। वह 22 सदस्यीय फुटबाल टीम को लेकर गृहमंत्री से मिलने पहुंची। सिंह ने टीम को मिलने के लिए बुलाया था। आधे घंटे तक चली बैठक में गृहमंत्री से कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में खेल का सही आधारभूत ढांचा तैयार किया जाए तो युवा आतंकवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों की बजाय अपने कौशल को निखारने के लिए प्रेरित होंगे। 

कश्मीर में खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा
अफशां ने बताया गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में खेल का आधारभूत ढांचा बनाने पर तुरंत मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की और उनसे जरूरी मदद मांगी। प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत राज्य के लिए पहले ही 100 करोड़ रूपए दिए जा चुके हैं। श्रीनगर की रहने वाली अफशां अभी मुंबई के एक क्लब के लिए खेल रही हैं। वह मानती हैं कि उनकी जिंदगी और करियर ने जब यू टर्न लिया तब उनकी फोटो पत्थर फेंकने वाली के तौर पर राष्ट्रीय मीडिया में आ गई थी।