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नई दिल्ली : भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने कहा है कि युगल ड्रॉ में एकल खिलाड़ियों की मौजूदगी खेल के लिए अच्छी है क्योंकि इससे अधिक प्रशंसक स्टेडियम में आते हैं और युगल प्रारूप का प्रचार करने में मदद मिलती है। किसी भी टूर्नामेंट में एकल मुकाबले अधिक आकर्षण का केंद्र होते हैं लेकिन दिन-प्रतिदिन युगल प्रारूप भी प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है क्योंकि शीर्ष एकल खिलाड़ी भी इसमें खेल रहे हैं और इससे युगल मुकाबले अधिक रोमांचक और कड़े हो रहे हैं। 

प्रवेश के लिए जब सिर्फ युगल रैंकिंग पर विचार किया जाता था तो युगल खिलाड़ियों को दबदबा था। लेकिन एकल रैंकिंग पर भी गौर करने से शीर्ष एकल खिलाड़ी भी युगल मुकाबले खेलने लगे हैं जिससे युगल खिलाड़ियों के लिए दबदबा बनाए रखना मुश्किल हो गया है। बोपन्ना ने कहा कि निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि यह अच्छा है या बुरा लेकिन एकल खिलाड़ियों की मौजूदगी से फायदे की स्थिति होती है। 

यह पूछने पर कि क्या यह बेहतर नहीं होगा कि इस प्रारूप में सिर्फ युगल विशेषज्ञों को खेलने की स्वीकृति मिले, बोपन्ना ने कहा कि यह अजीब स्थिति है। काफी एकल खिलाड़ी अपने खेल में सुधार के लिए युगल मुकाबले खेलते हैं। (डेनिस) शापोवालोव (बोपन्ना के जोड़ीदार) को युगल मुकाबले खेलना पसंद हैं और साथ ही साथ वह काफी कुछ सीख रहे हैं, चाहे रिटर्न में सटीकता हो या वॉली या रिटर्न, जिससे उसे एकल में काफी मदद मिलती है। आज मुझे पता है कि सभी टूर्नामेंट के लिए प्रवेश लगातार मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि काफी एकल खिलाड़ी भी युगल मुकाबले खेल रहे हैं। 

भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी ने कहा कि युगल खिलाड़ियों के लिए यह शानदार रहेगा अगर पुराना नियम लागू हो जाए जिसमें सिर्फ युगल रैंकिंग पर विचार किया जाता था लेकिन यह बदलाव नहीं होना वाला। यही कारण है कि शीर्ष स्तर पर खेलते हुए रैंकिंग बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है, अन्यथा 500 और 1000 स्तर के टूर्नामेंट में जगह बनाना मुश्किल हो जाएगा। 

बोपन्ना टाटा ओपन महाराष्ट्र में हमवतन रामकुमार रामनाथन के साथ चुनौती पेश करेंगे। अतीत में इस मुद्दे पर बहस हो चुकी है जब युगल खिलाड़ियों को लगता था कि एकल खिलाड़ी उनकी जगह ले रहे हैं। एकल खिलाड़ियों को युगल मुकाबले खेलकर अच्छा अभ्यास और खेल को निखारने का मौका मिलता है लेकिन युगल खिलाड़ी सिर्फ इसी प्रारूप पर निर्भर हैं। 

हाल में भारत के अर्जुन काधे ने कहा था कि उन्होंने युगल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है और शीर्ष एकल खिलाड़ी युकी भांबरी ने भी कहा कि वह युगल प्रारूप में सक्रिय रूप से चुनौती पेश करेंगे। बोपन्ना ने उम्मीद जताई कि मौजूदा पीढ़ी से कुछ युवा खिलाड़ी जल्द ही अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेंगे। मिश्रित युगल ग्रैंडस्लैम जीतने वाले बोपन्ना ने कहा कि भारत को चैलेंजर्स और आईटीएफ फ्यूचर्स के साथ अपने सर्किट पर एटीपी 250 प्रतियोगिताओं की भी जरूरत है।