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कोलकाता : करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री ने शुक्रवार को फिर संकेत दिया कि वह संन्यास लेने के करीब हैं और उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ अध्यक्ष पद से हटाने के बाद अगर भारत पर फीफा प्रतिबंध लगता है तो यह नुकसानदायक होगा क्योंकि वह अपने अंतिम मुकाबले खेल रहे हैं। पिछले कुछ समय से 37 साल के छेत्री के संन्यास को लेकर अटकलें लगायी जा रही हैं और वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनका शानदार करियर जल्द ही समाप्त होने वाला है।

 

छेत्री ने आठ जून से शुरू हो रहे एशियाई कप क्वालीफायर के अंतिम राउंड से पहले मीडिया बातचीत के दौरान कहा- भले ही इस मामले में जो कुछ हो रहा हो, मैं उम्मीद करता हूं कि यह नियत्रंण में रहे और देश पर प्रतिबंध नहीं लगे। उन्होंने कहा- क्योंकि यह बहुत नुकसानदायक होगा और ऐसा सिर्फ पूरे देश के लिये ही नहीं बल्कि मेरे लिये भी होगा क्योंकि मैं 37 साल का हूं और अपने अंतिम मुकाबले खेल रहा हूं। नहीं पता कि कब आपका अंतिम मैच हो जाये।

 

उन्होंने कहा- हां, जब खबर आयी तो मैं डर गया था क्योंकि इससे आप प्रभावित हो रहे हो। लेकिन तब आपको पूरी जानकारी मिलती है तो आपको पता चलता है कि यह इतना चिंताजनक भी नहीं है और चीजें ठीक हो जायेंगी। उच्चतम न्यायालय ने 18 मई को पटेल को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष पद से हटा दिया क्योंकि उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ा दिया था। एआईएफएफ में उनका तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में समाप्त होना था लेकिन वह उच्चतम न्यायालय के एक मामले पर आदेश के इंतजार में पद पर बने रहे जो 2017 से लंबित है।

 

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कुछ तबकों में बातें चलने लगी कि इससे भारत पर फीफा का प्रतिबंध लग सकता है और भारत से अक्टूबर में अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार छीने जा सकते हैं। फीफा और एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) की संयुक्त टीम ‘मौजूदा परिस्थिति को समझने’ के लिये भारत का दौरा करेगी।

 

छेत्री जब भी मैदान पर उतरते हैं, उनके संन्यास को लेकर अटकलें चलने लगती हैं और भारतीय कप्तान ने मुस्कुराकर इसका जवाब दिया- अभी नहीं पता। उन्होंने कहा- पिछले एशिया कप (2019) से पहले भी यही सवाल पूछा गया था कि ‘आगे क्या’ और मैंने यही चीज कही थी। पांच साल बीत गये। अभी भी यही चीज है। मैं तब 32 साल का था और अब 37-38 का हूं। मैं नहीं जानता, शायद। छेत्री ने कहा- इस समय मैं खेल का लुत्फ उठा रहा हूं। जिस दिन मैं ऐसा नहीं करूंगा, उस दिन यह (संन्यास) होगा। मैं आपको नंबर नहीं बता सकता।