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नई दिल्ली : फिटनेस और स्पोट्र्स मेडिसिन विषेशज्ञ डॉ सरनजीत सिंह का मानना है कि खिलाड़ी ड्रग न लेने पर भी डोप टेस्ट में फेल हो सकते हैं और इसके लिए खिलाड़ियों को अत्यधिक सतकर् रहने की जरूरत है। लखनऊ के डॉ सरनजीत ने कहा कि खिलाड़ी ड्रग न लेने पर भी डोप टेस्ट में फेल हो हो सकते हैं और फाल्स पॉजि़टिव निष्कर्ष के शिकार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि दरअसल, फाल्स पॉजिटिव निष्कर्ष आने के बहुत कारण हो सकते हैं। खिलाड़ियों को इन कारणों की जानकारी होना बहुत ज़रूरी होता है जिससे वे सतर्क हो सकें और खुद को डोप टेस्ट में फेल होने से बचा सके।

डॉ सरनजीत ने बताया कि खिलाड़ी इवेंट के दौरान किसी भी तरह की इंजरी होने पर सिफर् टीम के डॉक्टर द्वारा निर्धारित दर्द निवारक दवाओं का ही प्रयोग करें। कुछ दर्द निवारक दवाएं जैसे आइबूप्रोफेन (ब्रूफीन) की ज्यादा मात्रा लेने से टेट्रा हाइड्रो कैन्नाबिनॉल नाम की प्रतिबंधित दवाई जैसे निष्कर्ष आ सकते हैं। ज़ुखाम, तेज बुखार और कुछ ख़ास तरह की डाइट पिल्स लेने से प्रतिबंधित दावा एम्फेटामीन्स जैसे निष्कर्ष आ सकते हैं। कुछ ख़ास तरह के एंटीबायोटिक्स जैसे अमोक्सिसिल्लिन के सेवन से हेरोइन और कोकीन जैसी प्रतिबंधित ड्रग्स के निष्कर्ष आ सकते हैं। अल्सर होने पर इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाइयों को इस्तेमाल करने से भी फाल्स पॉजिटिव निष्कर्ष आ सकते हैं। इसी तरह डेंटिस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले कुछ ड्रग्स जैसे नोवोकेन के इस्तेमाल से कोकीन के निष्कर्ष आ सकते है। 

उन्होंने बताया कि दवाइयों की तरह खिलाड़ियों को प्रतियोगिता के दौरान सिफर् कैंप में बना खाना ही खाना चाहिए। कई बार बेकिंग के दौरान पेस्ट्रीज और केक बनाने में पॉपी सीड्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें प्रतिबंधित दवा मॉफिर्न के अंश होते हैं जो डोप टेस्ट में आ सकते हैं। इसी तरह मांसाहारी खिलाड़ियों को मांस का सेवन करते समय बहुत सतकर् रहना चाहिए क्योंकि कई बार जानवरों को बड़ा करने के लिए जिन दवाओं को इस्तेमाल किया जाता है उनका मांस खाने पर उन दवाओं के अंश खिलाड़ियों के शरीर में आ जाते हैं और जिसकी वज़ह से खिलाड़ी डोप टेस्ट में फेल हो सकते हैं।