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नई दिल्ली : भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू का मानना है कि टोक्यो ओलिम्पिक में उनके रजत पदक जीतने के बाद इस खेल को लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ी है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि निकट भविष्य में और अधिक महिलाएं इस खेल में शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा करेंगी। मीराबाई ने एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले महीने अपने इस कारनामे के बाद से उन्हें भारतीयों से जितना प्यार मिला है, उससे वह अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि टोक्यो से पहले ऐसा नहीं था लेकिन मैं पहली बार भारोत्तोलन में काफी अधिक रुचि देख रही हूं। इससे मुझे विश्वास है कि अगले ओलंपिक में अधिक महिलाएं भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

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चानू ने कहा कि यह खेल काफी हद तक ताकत से जुड़ा है लेकिन भारोत्तोलन और अन्य खेलों के बीच बहुत अंतर नहीं है। मैं देख रही हूं कि बहुत से युवा विशेष रूप से महिलाएं इस खेल में दिलचस्पी ले रही हैं। टोक्यो ओलिम्पिक में भारतीय महिलाओं का प्रदर्शन शानदार रहा। मीराबाई के अलावा पीवी सिंधू और लवलीना बोरगोहेन ने भी पदक जीते जबकि महिला हॉकी टीम और गोल्फर अदिति अशोक चौथे स्थान पर रहे।

मीराबाई से जब महिलाओं के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सब कड़ी मेहनत से जुड़ा है और महिलाएं भी उतनी ही मेहनत कर रही हैं। हम सब इसका परिणाम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से मैं वापस (टोक्यो से) आई हूं, मुझे भारत के लोगों से ढेर सारा प्यार मिला है। यह मेरे लिए बहुत बड़ा क्षण है। भारत के लिए पदक जीतना किसी सपने के सच होने जैसा है। मीराबाई ने रियो 2016 में अपने निराशाजनक प्रदर्शन को याद किया और वापसी के बारे में बताया

उन्होंने कहा कि मैंने रियो में पदार्पण (ओलिम्पिक) किया था। मैं वहां जीत नहीं सकी हालांकि मैंने उस समय भी तोक्यो इतनी कड़ी मेहनत की थी। रियो में मैं घबरा गई थी और मुझे खाली हाथ लौटना पड़ा था। मैंने वापस आकर अपनी खामियों और तकनीक पर काम किया। कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक में भारोत्तोलन में पदक जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी मीराबाई चानू का अगला लक्ष्य अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेल है।