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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि बोर्ड का अन्य खिलाड़ियों के साथ व्यवहार अच्छा है लेकिन बोर्ड ने उनके साथ भेदभाव किया है। कनेरिया दूसरे हिंदू खिलाड़ी है जो पाकिस्तान के लिए खेले हैं। उन पर इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने काउंटी मैच में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।

कनेरिया पाकिस्तान के बल्लेबाज उमर अकमल की सजा तीन साल से घटाकर 18 महीने किए जाने से नाराज है। उनका कहना है कि जीरो टॉलरेंस की नीति सिर्फ उन पर ही लागू की गई है और अन्य क्रिकेटरों पर यह नियम लागू नहीं होता है। कनेरिया ने कहा, ‘लोग धार्मिक कार्ड खेलने पर मुझे आड़े हाथों लेते हैं। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता और ना ही मैंने कभी धार्मिक कार्ड खेला है। मेरा मुद्दा सिर्फ पीसीबी और उनके दोहरे रवैये पर है। पीसीबी का अन्य खिलाड़यिों के साथ व्यवहार अच्छा है लेकिन मुझे नजरअंदाज किया जाता है। मुझे इसका अफसोस है।'

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए खेलना मेरे लिए सम्मान की बात है। पाकिस्तान टीम का प्रतिनिधित्व करना और टीम के लिए मैच जीतना मेरे लिए उपलब्धि है तथा गर्व की बात है।' 2012 से आजीवन प्रतिबंध झेल रहे कनेरिया अपना जीवन यापन करने के लिए क्रिकेट गतिविधियां शुरु करना चाहते हैं लेकिन पीसीबी का कहना है कि वह इस बारे में कुछ नहीं कर सकते क्योंकि उन पर प्रतिबंध ईसीबी ने लगाया है।