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मेलबर्न : पिछले सप्ताह के मध्य में पैट कमिंस से इस बात पर विचार व्यक्त करने को कहा गया था कि एशेज़ के दौरान ऑस्ट्रेलिया को अपने तेज़ गेंदबाजों को रोटेट करना चाहिए या नहीं। जवाब में उन्होंने कहा कि सभी तेज़ गेंदबाज़ों के पांच टेस्ट खेलने की संभावना नहीं है। मैं निश्चित रूप से आराम करने या टीम से बाहर रहने के बारे में तब तक नहीं सोचूंगा जब तक मेरा फॉर्म और फिटनेस सही चलता रहता है। 

आने वाले दिनों में अत्याधिक संभावना है कि टिम पेन के इस्तीफ़ा देने के बाद कमिंस को ऑस्ट्रेलिया के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में नामित किया जाएगा है। इसके बाद गेंदबाज़ी में रोटेशन के बारे में चर्चा कम हो जाएगी। कमिंस की कहानी का एक उल्लेखनीय हिस्सा यह है कि वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे टिकाऊ तेज़ गेंदबाज़ बन गए हैं। 2017 में टेस्ट क्रिकेट में उनकी वापसी के बाद से केवल स्टुअर्ट ब्रॉड, जेम्स एंडरसन, नेथन लायन और आर अश्विन ने उनसे अधिक ओवर फेंके हैं।

उनके शानदार पदार्पण के बाद उन्हें छह साल के लिए टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने का मौक़ा नहीं मिला था। हालांकि एक बात तय है कि अब उस टिकाऊपन की परीक्षा और समीक्षा दोनों होगी। हाल ही में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि कमिंस बैक टू बैक पांच टेस्टों के दबाव का सामना कर सकते हैं जो दिसंबर की शुरुआत से जनवरी के मध्य तक होने वाले हैं। वह 2019 एशेज़ में सभी पांच टेस्ट खेलने वाले ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र तेज़ गेंदबाज़ थे। 

हालांकि इंग्लैंड में परिस्थितियां उतनी ज़्यादा मुश्किल नहीं हैं। अगर उनकी पदोन्नति तय है, तो यह ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और कमिंस, दोनों के लिए एक अज्ञात दुनिया में एक यात्रा की तरह होगा। किसी भी प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया के पुरुष पक्ष की कप्तानी करने वाले पिछले तेज़ गेंदबाज़ रे लिंडवॉल थे जिन्होंने 1956 में एक टेस्ट के लिए ऐसा किया था। हालांकि एक विकेटकीपर के लिए भी कप्तान की भूमिका उतनी आसान नहीं हैं। पेन के जाने के बाद या उससे पहले के घटनाक्रम के आधार पर एक प्रश्न लगातार उठने लगा है कि क्या ऑस्ट्रेलियाई टीम में नेतृत्व करने वाले खिलाड़यिों की संख्या कम हो रही है।