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जालन्धर : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच केपटाउन में चल रहे पहले टैस्ट मैच के दौरान चाहे भारतीय गेंदबाजों ने बढिय़ा गेंदबाजी कर दक्षिण अफ्रीका को 300 के नीचे रोक दिया। लेकिन जवाब में उतरे भारतीय बल्लेबाज इसका ज्यादा फायदा नहीं उठा सके। पहले दिन भारत 28/3 रन बनाकर वापस लौटा। टैस्ट मैच के दूसरे दिन भी भारतीय बल्लेबाज (पांड्या और भुवनेश्वर को छोड़कर) साऊथ अफ्रीका के तेज गेंदबाजों के आगे टिक नहीं पाए। पांड्या जब क्रीज पर आए तब भारत की बुरी हालत थी लेकिन सूझबूझ के साथ खेलते हुए उन्होंने इंडिया को 200 पार पहुंचा दिया। रबाडा की बॉल पर आउट होने से पहले पांड्या कई रिकॉर्ड अपने नाम कर गए। 
पांड्या का यह चौथा टैस्ट मैच है। शतक मिलाकर उनका चार मैचों में औसत 70 हो गया है। जबकि उनकी स्ट्राइक रेट 100+ की चल रही है। पांड्या ने अपना पहला टैस्ट 26 जुलाई 2017 को श्रीलंका के खिलाफ गाले के मैदान में खेला था। अपने पहले ही मैच में 49 गेंदों पर 50 रन बनाकर पांड्या ने अपनी ओर सिलेक्टर्स का ध्यान खींचा था। इससे अगले कोलंबो टैस्ट मैच में पांड्या ने 20 गेंद में 20 रन बनाए। लेकिन पल्लीकेल में खेला गया अगले टैस्ट ने पांड्या को स्टार बल्लेबाज बना दिया। पांड्या ने 96 गेंद में 108 रन बनाए थे। अब चौथे टैस्ट मैच में अपनी 93 रन की पारी के दौरान पांडया ने 95 गेंदें खेलीं।

सिर्फ धोनी से थोड़ा-सा पीछे हैं पांड्या
इससे पहले साऊथ अफ्रीका के खिलाफ तेज पचासा मारने में भी हार्दिक पांड्या ने वीरेंद्र सहवाग की बराबरी की। पांड्या ने केपटाउन टैस्ट में 46 गेंदों पर फिफ्टी पूरी की थी। जबकि 2010 में वीरेंद्र सहवाग ने भी सैंचुरियन में खेले गए टैस्ट के दौरान 46 गेंदों पर फिफ्टी लगाई थी। वहीं, साऊथ अफ्रीका के खिलाफ तेज फिफ्टी लगाने का रिकॉर्ड अभी भी महिंदर सिंह धोनी के नाम पर ही है। धोनी ने 2010 में सैंचुरियन में ही खेले गए टैस्ट मैच के दौरान अपनी फिफ्टी मात्र 40 गेंद में पूरी कर ली थी। साऊथ अफ्रीका के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज का यह रिकॉर्ड अभी भी कायम है।