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नई दिल्लीः भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति के मार्गदर्शन में देश से 10 प्रतिभाशाली बच्चों को 2019 के पहले ग्रैंड स्लैम-आॅस्ट्रेलियन ओपन में बॉल किड्स बनने के लिए चुना गया है। इन बच्चों को चुनने का अभियान किया मोटर्स ने चलाया था। इन 10 बच्चों का चयन देशभर में 1800 युवा टेनिस खिलाड़ियों में से किया गया। पहले 1800 बच्चों ने ट्रायल दिए जिनमें से 100 बच्चों को चुनकर यहां आरके खन्ना स्टेडियम में कठिन ऑडिशन प्रक्रिया से गुजारा गया। इन 100 बच्चों में से 10 बच्चों का चयन किया गया जो अब जनवरी में मेलबोर्न में होने वाले आस्ट्रेलियन ओपन में बॉल किड्स के रूप में उतरेंगे।  

10 बच्चों में 3 लड़कियां भी शामिल

भूपति ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मलेन में इन बच्चों के नामों की घोषणा की और इन्हें मीडिया से रूबरू कराया। आॅस्ट्रेलियन ओपन के लिये चुने गये इन 10 भाग्यशाली बच्चों में सार्थक गांधी, एम वशिष्ठ कुमार रेड्डी, नमन मेहता, अंकित पिलानिया, अक्षित चौधरी, सोहम दीवान, रिभव ओझा, स्वाति मल्होत्रा, जैनिका जेसन और अनन्या सिंह शामिल है। इन 10 बच्चों में तीन लड़कियां शामिल हैं।   भारतीय डेविस कप टीम के कप्तान भूपति ने इस अवसर पर कहा,‘‘ मुझे इस बात की खुशी है कि किया मोटर्स ने बच्चों को इतने बड़े मंच तक पहुंचने के लिये एक रास्ता दिया। इन बच्चों को आस्ट्रेलियन ओपन में जीवन का सबसे बड़ा अनुभव मिलेगा जो उन्हें आगे चलकर देश के लिये खेलने को प्रेरित करेगा।’’ 

उल्लेखनीय है कि जॉन मैकनरो और रोजर फेडरर जैसे टेनिस के कुछ महान खिलाडिय़ों ने ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं के दौरान बॉल किड्स की भूमिका अदा की थी और फिर आगे जाकर महान खिलाड़ी बने। मैकनरो कोख्योर्न बोर्ग के कुछ अमेरिकी ओपन मैचों के दौरान बॉल किड बनने का मौका मिला था। इसके बाद मैकनरो बोर्ग के बड़े प्रतिद्वंद्वियों में शामिल हुए थे।  भूपति ने इन दिग्गजों का जिक्र करते हुये कहा,‘‘ मैकनरो और रोजर भी कभी बॉल किड्स थे और इन्होंने आगे चलकर टेनिस में अपनी एक ऐसी पहचान बनाई कि दुनिया के महान खिलाड़ियों में शामिल हो गये।’’  

इन बच्चों ने ऑडिशन के दौरान अपनी बॉल कलेक्टिंग और बॉल रोलिंग क्षमता का प्रदर्शन किया। साथ ही इन्हें यह भी दिखाना था कि ये मानसिक रूप से इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए तैयार हैं और इनके अंदर अदब भी भरपूर है। इन खिलाडिय़ों को यह भी दिखाना था कि ब्रेक के दौरान ये खिलाडिय़ों का किस तरह के ख्याल रख सकते हैं।  साल के पहले ग्रैंड स्लैम के बहुत पुराने सहयोगी किया मोटर्स ने भारत में पहली बार आॅस्ट्रेलियन ओपन बॉल किड़्स प्रोग्राम लांच किया था। इस पहल की शुरुआत 10 नवंबर को की गई थी। इसमें चार महानगरों से 1800 प्रशंसकों ने अपने सपने को पूरा करने के लिए हिस्सा लिया। आॅस्ट्रेलियन ओपन बॉल किड्स के रूप में चुने गये बच्चों का पूरा खर्च किया मोटर्स वहन करेगा।