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चंडीगढ़ : रेफरी पर नस्लवादी टिप्पणी करने पर मिनर्वा पंजाब एफसी के मालिक रणजीत बजाज पर अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआइएफएफ) ने बड़ी कार्रवाई की है। बजाज पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस अवधि के दौरान वह फुटबॉल से संबंधित किसी तरह की गतिविधि में शामिल नहीं हो पाएंगे। यहां तक कि एआईएफएफ की छत्रछाया में होने वाले किसी मैच में वह स्टेडियम तक में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा उन्हें 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

10 दिनों के अंदर जुर्माने की रकम अदा नही करने पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ सकती है। एआइएफएफ की ऊषानाथ बनर्जी की अध्यक्षता वाली अनुशासनात्मक कमेटी ने कहा कि बजाज का एक साल में यह चौथा अपराध है। मैच अधिकारियों को ही बजाज ने धमकियां देकर नस्लीय टिप्पणियां की, यह बर्दाश्त योग्य नहीं है। बता दें कि रणजीत बजाज के माता-पिता पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं।  

मैच कमिश्नर की गवाही पर हुई सजा
दरअसल शिलांग के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 12 मई को आइजोल के खिलाफ अंडर -18 यूथ लीग मिनर्वा का मैच 1-1 से ड्रा हो गया था। इसी दौरान बजाज का मैच रेफरी पी मावथोह से विवाद हो गया। इस मैच में मैच कमिश्नर बिश्वाजीत मित्रा ने गवाही दी कि उनके सामने ही बजाज ने धमकी दी थी। मित्रा के इसी बयान पर कार्रवाई की गई। उधर, मिनर्वा पंजाब की डायरेक्टर हीना बजाज का कहना है कि कुछ लोग क्लब से जलन महसूस करते हैं, इसी के तहत उनके साथ साजिश रची गई है।