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नई दिल्लीः पाकिस्तान को एशिया कप टूर्नामेंट के 5वें मुकाबले के दाैरान धूल चटाने में आॅलराउंडर केदार जाधव का अहम रोल रहा। जाधव ने 9 ओवर की गेंदबाजी करते हुए मात्र 23 रन दिए आैर साथ ही 3 विकेट झटके। एक समय ऐसा भी आया था, जब उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया, पर उनकी पत्नी ने उन्हें हार नहीं मानने का हाैसला दिया। जाधव ने मैच के बाद खुलासा किया कि अगर वो माैजूदा समय में अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं तो उसके पीछे विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी का भी बड़ा हाथ है। धोनी के एक फैसले ने जाधव की जिंदगी बदल दी थी। 

क्या था वो फैसला?
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जाधव ने बताया कि 2016 में जब पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ धर्मशाला में हुए एक वनडे मैच में उन्हें गेंद थमाई तो उनके अंदर का गेंदबाज सामने आया। उन्होंने कहा, "धोनी भाई ने जब से न्यूजीलैंड के खिलाफ उस मैच में मुझे गेंदबाजी के लिए कहा, तब से मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया।" उस मैच में जाधव ने 3 ओवर में 6 रन देकर 2 विकेट हासिल किए थे। इसके बाद उनकी गेंदबाजी का सिलसिला नहीं थमा, भले ही टीम की कमान विराट के या रोहित के हाथ रही हो। लेकिन मुश्किल वक्त में जब-जब कप्तान ने उनके हाथ में गेंद थमाई, उन्होंने टीम की सफलता दिलाई। 

नेट पर नहीं करते अधिक गेंदबाजी  
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कामचलाऊ स्पिनर जाधव में अहम मौकों पर विकेट चटकाने की क्षमता है और इस भारतीय स्पिनर ने अपनी इस सफलता का श्रेय नेट पर अधिक गेंदबाजी नहीं करने को दिया। जाधव ने कहा, "मैं नेट्स पर अधिक गेंदबाजी नहीं करता। ईमानदारी से कहूं तो मैच से पहले अभ्यास सत्र में मैं कुछ ही ओवर फेंकता हूं। मुझे लगता है कि अगर नेट सत्र में मैं अपनी गेंदबाजी पर काम करने का प्रयास करता हूं तो इसमें जो भी कुछ अलग चीज है, वह खत्म हो सकती है। इसलिए मैं अपनी सीमा में रहता हूं।"          

सर्जरी के बाद फिटनेस में हुआ सुधार
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जाधव ने कहा कि अप्रैल में सर्जरी के बाद फिटनेस प्रक्रिया में बदलाव से उन्हें बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद मिली। इस बल्लेबाज ने कहा, "मुझे लगता है कि सर्जरी के बाद मेरी फिटनेस में सुधार हुआ और पिछले चार महीने में मैंने ट्रेनिंग और फिटनेस के बारे में काफी सीखा।" उन्होंने कहा, "इससे पहले मैं जब भी रिहैबिलिटेशन करता था तो मैं खेलना शुरू कर देता था। सोचता था कि यह समस्या दोबारा नहीं आएगी। कई बार मैं अपना नियमित अभ्यास भी नहीं करता था, लेकिन अब मैं चाहे जैसा भी महसूस कर रहा होऊं, मैं अपने दिन की शुरुआत जिम या दौड़ के साथ ही करता हूं।"