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नई दिल्ली: 25 जून 1983 का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास का कभी ना भूल पाने वाला दिन है। इस दिन टीम इंडिया ने सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की थी और भारत का नाम रोशन किया था। जी हां, 37 साल पहले इसी दिन भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर वेस्टइंडीज पर 43 रन से जीत दर्ज कर पहली बार विश्व कप पर कब्जा जमाया था। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड तथा वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीमों को धूल चटाई और वर्ल्ड कप को अपने हाथों में लिया।  

ऐसी रहा टीम इंडिया का सफर 
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भारत ने 1983 विश्वकप में अपने पहले ही लीग मैच में गत 2 बार के चैम्पियन वेस्टइंडीज को 34 रनों से हराकर शानदार शुरुआत की थी। भारत ने इसके बाद जिम्बाब्वे को 5 विकेट से धूल चटाई, लेकिन इन दो जीतों के बाद भारत ऑस्ट्रेलिया से 162 रनों के बड़े अंतर से हार गया। फिर अपने चौथे मैच में भारत को वेस्टइंडीज से 66 रनों से शिकस्त झेलनी पड़ी।  जिम्बाब्वे के खिलाफ  कप्तान कपिल ने 6 छक्कों और 16 चौकों की मदद से नाबाद 175 रनों की पारी खेली और भारत ने यह मैच 31 रनों से जीता। 

1983 की विश्व विजेता टीम....
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कपिल देव (कप्तान), मोहिंदर अमरनाथ (उप कप्तान), दिलीप वेंगसरकर, सुनील गावस्कर, सय्यैद किरमानी, संदीप पाटिल, कृष्णमाचारी श्रीकांत, यशपाल शर्मा, मदन लाल, रोजर बिन्नी, बलविंदर सिंह संधू, सुनील वाल्सन, रवि शास्त्री, कीर्ति आजाद और संदीप पाटिल।