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नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर जब दो टीमों के बीच मुकाबला होता है तो इस दौरान कई बार रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं। जो की इस खेल को और भी रोमांचक मोड दे देते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड 12 मार्च साल 2006 को बना था जो इससे पहले क्रिकेट में कभी नहीं हुआ था।साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच जोहान्सबर्ग में खेले गए 5वें वनडे मुकाबले में कुछ ऐसा हुआ जो क्रिकेट के इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। वनडे क्रिकेट में यह पहला मौका था जब किसी टीम ने 400 से अधिक रनों के लक्ष्य का पीछा कर मैच जीत भी लिया।
दरअसल इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका को 434 रनों का विशाल लक्ष्य दिया। ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में सिर्फ 4 विकेट खोकर ही 434 रन बना दिए थे। ऑस्ट्रेलिया की ओर से कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने शानदार 164 रनों की पारी खेली जबकि माइक हसी ने ताबड़तोड़ 81 रन बनाए। इसके अलावा ओपनर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने 55 और साइमन कैटिच ने 79 रनों का योगदान दिया। इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीकी टीम को उस समय तगड़ा झटका लगा जब टीम के ओपनर बल्लेबाज बोएटा डिपनार सिर्फ 1 रन बनाकर ऑउट हो गए लेकिन बावजूद इसके टीम का हौंसला बुलंद था।

शुरुआती झटके के बाद कप्तान ग्रीम स्मिथ और हर्सल गिब्स ने तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 22.1 ओवर में 190 रन बना दिए। ग्रीम स्मिथ ने 55 गेंदों ने 90 रनों की पारी खेली जिसमें 13 चौके और 2 छक्के शामिल थे। स्मिथ के आउट होने के बाद हर्सल गिब्स एक छोर पर चट्टान की तरह डटे हुए थे लेकिन दूसरी तरफ विकेट गिरने का सिलसिला जारी था। चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे एबी डिविलियर्स सिर्फ 14 रन ही बना पाए जबकि जैक कालिस 20 रन बनाकर आउट हो गए।

लगातार गिरते विकेट के बीच हर्सल गिब्स को विकेटकीपर बल्लेबाज मार्क बाउचर का बेहतरीन साथ मिला। गिब्स ने 175 रनों की पारी खेली लेकिन आउट होने से पहले उन्होंने साउथ अफ्रीका की जीत लगभग तय कर दी थी। गिब्स ने अपनी पारी में 111 गेंदों का सामना किया जिसमें 21 चौके और 7 छक्के शामिल थे। गिब्स के आउट होने के बाद मार्क बाउचर ने आखिर तक बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 50 रनों की पारी खेली और 1 गेंद शेष रहते ही साउथ अफ्रीका को 1 विकेट से जीत दिला दी. साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के 434 रनों के जवाब में 9 विकेट खोकर 438 रन बनाए.