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लंदन : आईसीसी विश्वकप में स्लो ओवर रेट के लिए मैच फीस का जुर्माना झेल चुके न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन को टूर्नामेंट में एक और गलती भारी पड़ सकती है और उनकी टीम को अब उनके संभावित बैन को लेकर चिंता सता रही है। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ विश्वकप मुकाबले में स्लो ओवर रेट के कारण कीवी टीम के कप्तान पर मैच फीस का 20 फीसदी और टीम के बाकी खिलाड़यिों पर 10 फीसदी जुर्माना लगाया गया था। ओल्ड ट्रेफर्ड में हुए मैच में न्यूजीलैंड ने यह मैच पांच रन से जीता था। लेकिन यदि कीवी टीम आगे ऐसी इस गलती को दोहराती है तो बतौर कप्तान विलियम्सन को एक मैच का निलंबन झेलना पड़ सकता है।

न्यूजीलैंड इस समय विश्वकप की सबसे मजबूत टीम है और तालिका में शीर्ष पर है। बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ अगले मुकाबले में जीत से वह सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर लेगी। हालांकि टीम को अगले मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की मुश्किल चुनौती झेलनी है ऐसे में टीम के शीर्ष स्कोरर और पिछले मुकाबलों में अकेले दम पर जीत दिलाने वाले विलियम्सन उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। 28 साल के विलियम्सन ने लगातार दो शतक जड़े हैं, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 106 और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ 148 रन की पारियां खेली थीं। अब तक उन्होंने 186.50 के औसत से 373 रन बनाए हैं और टीम के मुख्य स्कोरर हैं। कीवी टीम की जीत में अब तक उनकी अहम भूमिका रही है क्योंकि अन्य खिलाड़यिों में रॉस टेलर ही अब तक कुछ बेहतर बल्लेबाजी कर सके हैं। 

न्यूजीलैंड को अहम पड़ाव पर आकर अपने अपराजेय अभियान को बरकरार रखने के लिए कप्तान की जरूरत है लेकिन यदि स्लो ओवर या अन्य किसी गलती के लिये वह दोषी पाई जाती है तो बतौर कप्तान विलियम्सन को बैन झेलना पड़ सकता है। कोच गैरी स्टेड इसे लेकर कुछ चिंता में हैं लेकिन उन्होंने जल्दबाजी में कोई फैसला करने से इंकार किया है। उन्होंने कहा, ‘न्यूजीलैंड के लिए फिलहाल शीर्ष दो पायदानों पर रहकर क्वालीफाई करना जरूरी है। सेमीफाइनल तक कुछ मैचों में बारिश की भी अहम भूमिका रह सकती है। हमारी टीम ने अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन वह अच्छी टीमों से जीती है।'

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) स्लो ओवर रेट नियम को लेकर काफी सख्त रूख अपना रही है। इस विश्वकप में भी प्रति ओवर रेट की पूरी जिम्मेदारी कप्तानों की है और टीमें कप्तान बदलने पर भी इससे बच नहीं सकती हैं। विश्वकप 2012 में ऐसे ही श्रीलंका ने कप्तान कुमार संगकारा और माहेला जयवर्धने के बीच बैन से बचने के लिये टीम की कप्तानी बदली थी।