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जालन्धर : ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम से बाहर चल रहे दिग्गज बल्लेबाज मैट रेनशॉ ने क्लब स्तरीय क्रिकेट में तिहरा शतक ठोककर जोरदार वापसी की है। रेनशॉ का यह तिहरा शतक इसलिए भी खास है कि क्योंकि सीरीज की शुरुआत से पहले एक प्रैक्टिस मैच में उन्हें हेल्मेट पर गेंद लगने के कारण रिटायर हर्ट होना पड़ था। इस वजह रेनशॉ पहला टेस्ट भी नहीं खेल पाए थे। लेकिन इसके बाद क्वींसलैंड के मैदान पर रेनशॉ ने अपने क्लब तुमबुल के लिए दूसरा टेस्ट खेलते हुए यह बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।

रेनशॉ ने 273 गेंदों में 38 चौके और 12 छक्के लगाए
Matt Renshaw triple century 2

वाइनम के खिलाफ 345 रनों की पारी के दौरान रेनशॉ ने सिर्फ 273 गेंदों में 38 चौके और 12 छक्के लगाए। ऐसा कर उन्होंने क्वींसलैंड प्रीमियर क्रिकेट में  वर्ष 2009-10 में क्वींसलैंड के बल्लेबाज वेड टाउनसेंड का बनाया 311 रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बता दें कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज तिहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड भारतीय के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के नाम पर है। सहवाग ने 2008 में साऊथ अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई के मैदान पर 278 गेंदों में तिहरा शतक पूरा कर लिया था। अगर सहवाग के इस रिकॉर्ड की बात करें तो रेनशॉ कम गेंदें खेलने के मामले में इसे तोड़ चुके हैं।

रेनशॉ ने तीसरे और चौथे विकेट के लिए की दो बड़ी सांझेदारियां
Matt Renshaw triple century 2

बता दें कि रेनशॉ ने अपनी शानदार पारी के दौरान तीसरे और चौथे विकेट के लिए 256 और 206 रन की साझेदारियां भी कीं। रेनशॉ की पारियों की बदौलत तुमबुल क्लब ने पहली पारी में 4 विकेट पर 550 रन बना लिए। रेनशॉ अब इस सत्र में 4 पारियों में 611 रन बना चुके हैं जिनमें दो अन्य शतक भी शामिल हैं। शेफील्ड शील्ड क्रिकेट में भी रेनशॉ ने अच्छा प्रदर्शन किया था। बता दें कि इन दिनों ग्रेड क्रिकेट काफी चर्चा में बना हुआ है। इसमें प्रतिबंधित खिलाड़ी डेविड वार्नर और स्टीवन स्मिथ सिडनी के क्लबों की ओर से खेल रहे हैं।