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जालन्धर : कॉमनवैल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग, पहलवान, बैडमिंटन के बाद अगर किसी खेल में ज्यादा पदक आए हैं तो वह है टेटे। इन गेम्स से हिस्सा लेने से पहले टेटे का भारत में इतना बड़ा स्थान नहीं था जो इस गेम के बाद होने जा रहा है। भारत के लिए टेटे में सबसे बड़ी उपलब्धि दिल्ली की मनिका बत्रा लाई हैं। मनिका अब तक 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं। इस तरह वह टेबल टेनिस के इतिहास में चार मैडल जीतने वाली पहली महिला प्लेयर भी बन गई हैं। बता दें कि स्कूल और कॉलेज टाइम में सबसे पापुलर गर्ल के रूप में जानी जाती मनिका को एक समय मॉडलिंग का ऑफर भी आया था। लेकिन टेबल टेनिस के प्रति उनके प्यार ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। 
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चार साल की उम्र से टेबल टेनिस खेल रही मनिका ने बताया कि वह जब जीएस एंड मैरी कॉलेज में पढ़ती थी तब उन्हें मॉडलिंग का ऑफर मिला था। वह चाहे तो मॉडलिंग में करियर बना सकती थीं। लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई क्योंकि वह टेबल टेनिस से प्यार करती थीं। मनिका का कहना है कि भारत के लिए पहली बार टेबल टेनिस में चार मैडल लाना बड़ी बात है, लेकिन मैं थोड़ी निराश भी हूं कि डब्ल्स में भी हम अच्छा कर सकते थे। लेकिन जो भी हुआ, अच्छा हुआ। हम अपनी गलतियों से ही सीखते हैं। पूरी कोशिश करूंगी कि अगली बार बेहतरीन प्रदर्शन कर पाउं।
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वुमेंस टीम में गोल्ड, वुमेंस डब्लस में सिल्वर, वुमेंस सिंगल्स में गोल्ड और मिक्सड डबल्स में ब्रॉन्ज जीतने वाली मनिका ने बताया कि वह अगर भारत की नंवर वन वुमन टेटे खिलाड़ी हैं तो इसमें सबसे बड़ा योगदान जर्मनी में मिली ट्रेनिंग का है। इसीकी बदौलत वह सिंगापुर के मजबूत दावेदारों फेंग तेनवे और मेंगयू यू को हरा सकीं। अब मनिका के साथ रियो ओलंपिक की चुनौती है।