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नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान लिसा स्टालेकर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने परिवार के दो सदस्यों के निधन के बाद भी वेदा कृष्णमूर्ति से ना तो कोई संपर्क किया ना यह बताना सही समझा कि आगामी इंग्लैंड दौरे के लिए इस शोकाकुल खिलाड़ी के नाम पर विचार नहीं किया जा रहा है। इस महीने की शुरूआत में मध्यक्रम की इस बल्लेबाज की बहन वत्सला शिवकुमार का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया था। इससे दो सप्ताह पहले उनकी इस खतरनाक वायरस के चपेट में आने से उनकी मां का भी निधन हो गया था। अगले महीने इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय टेस्ट और एकदिवसीय महिला टीम में वेदा को जगह नहीं दी गई है। 

आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) हॉल ऑफ फेम में शामिल स्टालेकर इस मामले से निपटने के तरीके पर बीसीसीआई के रवैये से खुश नहीं है। स्टालेकर ने ट्विटर पर लिखा कि आगामी श्रृंखला के लिए वेदा का चयन नहीं करना उनके दृष्टिकोण से उचित हो सकता है, मुझे सबसे ज्यादा निराशा इस बात की है कि एक अनुबंधित खिलाड़ी के रूप में उन से बीसीसीआई ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। बीसीसीआई ने यह भी पता नहीं किया कि वह मौजूदा स्थिति का सामना कैसे कर रही है।

उन्होंने कहा कि एक अच्छे संघ को खिलाड़ियों का बेहतर तरीके से ध्यान रखना चाहिए। उसे सिर्फ किसी भी कीमत पर मैच करने पर ध्यान नहीं देना चाहिये। यह काफी निराशाजनक है। बेंगलुरु की 28 साल की वेदा ने दो सप्ताह के अंदर मां और बहन को खोने के बाद भावुक श्रद्धांजलि दी थी। भारत के लिए 48 एकदिवसीय और 76 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाली वेदा सोशल मीडिया के जारिये कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद कर रही है।

एकदिवसीय क्रिकेट में 1000 रन और 100 विकेट चटकाने वाली पहली महिला खिलाड़ी ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय महिला टीम के लिए भी खिलाड़ियों का एक संघ (प्लेयर्स एसोसिएशन) बने। इस 41 साल की पूर्व दिग्गज ने कहा कि एक पूर्व खिलाड़ी के तौर पर एसीए (ऑस्ट्रेलियाई किकेटर्स संघ) के हर दिन हम से संपर्क कर हमारे बारे में पूछता है। भारत में अगर खिलाड़ियों के संघ की जरूरत है तो उसका सही समय यही है। क्रिकेटर से कामेंटेटर बनी स्टालेकर ने कहा कि इस महामारी से दुनिया भर के खिलाड़ी प्रभावित हुए है।