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स्पोर्ट्स डेस्क: तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ चोकर्स का ठप्पा महान लेखक शेक्सपियर की त्रासदी की तरह है लेकिन मौजूदा विश्व कप टीम के लिए अलग है क्योंकि युवा खिलाड़ी अतीत की बोझ लेकर नहीं चल रहे है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद दक्षिण अफ्रीका ने सिर्फ एक बड़ा खिताब जीता है। टीम ने बांग्लादेश में 1998 में मिनी विश्व कप (बाद में यह चैम्पियंस ट्राफी बन गया) के खिताब को अपने नाम किया है। दक्षिण अफ्रीका एक बार भी आईसीसी विश्व कप के फाइनल में नहीं पहुंचा है। 

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रबाडा ने कहा, ‘यह (चोकर्स का तमगा) कुछ ऐसा है जो कई वर्षों से हमारा पीछा कर रहा है। यह शेक्सपियर की त्रासदी (कहानी) की तरह है, हम इसे बदल सकते है।' रबाडा ने कहा कि उनके जैसे युवा खिलाड़ी टूर्नामेंट में खुले दिमाग के साथ आए है। उन्होंने कहा, ‘विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में आप सकारात्मक रहते है। हमें लगता है कि हमारे पास विश्व कप जीतने का मौका है। अतीत में क्या हुआ सो हुआ।' दक्षिण अफ्रीका के लिए 67 एकदिवसीय में 108 विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘हमारी टीम युवा है और इस में दमखम है। मुझे लगता है कि हमारे लिए यह अच्छा है कि हम में से ज्यादातर खिलाड़ियों ने पहले विश्व कप में नहीं खेला है। यह युवा टीम है जिसकी सोच नयी है।'

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रबाडा को अंतिम ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज के तौर पर जाना जाता है लेकिन उनसे जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि यह अभ्यास का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘आज के दौर के खिलाड़ी काफी विश्लेषण करते है। इसलिए गेंदबाज और बल्लेबाज अतीत को देखकर भविष्य की तैयारी करते है।' उन्होने कहा, ‘यह योजना बनाने से ज्यादा इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके लिए वह दिन कैसा है।' बुमराह से अपनी तुलना किए जाने को दक्षिण अफीका के इस गेंदबाज ने कहा कि यह उनके लिए तारीफ की तरह है। उन्होनें कहा, ‘यह मेरे लिए तारीफ की तरह है। लेकिन मुझे यह नहीं पता कि कौन बेहतर है। अभी सभी टीमों के पास तेज गेंदबाजी में अच्छा विकल्प है इसलिए मुझे लगता है कि यह विश्व कप खास होगा।'