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मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने विराट कोहली के मैदान के बाहर के आचरण की प्रशंसा की लेकिन उन्हें लगता है कि मैदान में भारतीय कप्तान के आक्रामक रवैये की खेल को जरूरत नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक टेलर ने एक वाकए का उदाहरण दिया जिसमें वह कोहली का साक्षात्कार लेना चाहते थे और इसमें उनका व्यवहार काफी शिष्ट रहा था। क्रिकेटर से कमेंटेटर बने टेलर ने कहा, ‘चार साल पहले जब मैं एक चैनल के साथ था तो मैं विराट कोहली का साक्षात्कार कर रहा था, तब मुझे उनके व्यक्तित्व के बारे में जानने का मौका मिला। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था लेकिन जिस तरीके से उन्होंने खुद को पेश किया, वह शानदार था।’ 
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टेलर ने सिडनी की एक वेबसाइट से कहा, ‘कोहली ने ऐसा करने के बजाय मुझसे पूछा कि क्या मुझे और समय चाहिए। मैंने उनसे कहा कि मैं उनसे और सवाल पूछना चाहता हूं। तो उन्होंने कहा, ‘चलो, हम बैठते हैं और इसे पूरा करते हैं’। मैंने सोचा कि यह शानदार था।’ लेकिन 107 टेस्ट में 7525 रन बनाने वाले टेलर ने कहा कि कोहली मैदान पर थोड़ा अलग था।  उन्होंने कहा, ‘वह शानदार बल्लेबाज है लेकिन काफी आक्रामक है। मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर ज्यादातर आस्ट्रेलियाई खिलाडिय़ों को उनका दूसरा रूप देखने केा मिलेगा जो दुर्भाग्यपूर्ण है।' 
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टेलर ने कहा, ‘पर्थ में उसका टिम पेन से व्यवहार मेरे लिए चिंताजनक था। वह पेन को उकसाकर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश कर रहा था। लेकिन खेल को इसकी जरूरत नहीं है। क्रिकेट बल्ले बनाम गेंद को खेल है जिसमें जरूरत पडऩे पर ही थोड़े बहुत नाटक की जरूरत होती है।’ टेलर ने कहा, ‘इस तरह का बर्ताव पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम से निकलता रहा है और आज हम जहां है, उसमें थोड़ी सी भूमिका इसकी भी है। ऑस्ट्रेलिया के साथ जो हुआ, विराट की कप्तानी में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से काफी कुछ सीख सकती है।’