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नई दिल्ली : विश्व किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप में सबसे कम उम्र की किकबॉक्सिंग चैम्पियन तजामुल इस्लाम ने स्वर्ण पदक जीतकर पीएम मोदी से खास गुजारिश की है। कश्मीर के बांदीपोरा में रहने वाली तजामुल ने यूनान के कैरो शहर में हुई विश्व किकबॉक्सिंग चैम्पियन 2021 की अंडर-19 कैटेगरी में गोल्ड जीता है। 2016 में भी वह इटली में हुई किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप के अंडर-8 वर्ग में गोल्ड जीता थीं।

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किकबॉक्सिंग की ओर कैसे झुकाव हुआ, सवाल पर तजामुल ने कहा कि एक दिन मैं स्कूल से घर आई तो टीवी पर इस गेम के मुकाबले चल रहे थे। मुझे उत्सुकता हुई कि यह क्या कर रहे हैं। इन्होंने हाथों में क्या पहना है। मुझे भी यह करना है। मेेरे कजिन भी मार्शल आटर््स सीख रहे थे। इसलिए मेरे अंदर भी ऐसी ही गेम अपनाने का जुनून था। पिता को कहा- वह बोले- तुम अभी बहुत छोटी हो। मैंने उन्हें मनाने के लिए बोला। पापा- आपने नहीं सुना, छोटा पैकेट, बड़ा धमाका। वह हंस पड़े। यही से मेरी गेम शुरू होने का रास्ता खुल गया। 

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मैं हमारे पी.एम. मोदी से मिलना चाहती हूं। हमें आपका आशीर्वाद चाहिए ताकि हम ओलिम्पिक तक जाएं और वहां से मैडल लाएं। हमारी टीम आपसे मिलना चाहती है।
-तजामुल इस्लाम

सोसायटी वाले पहले मना करते थे
तजामुल ने कहा कि हां, हमें मुश्किलें आईं। सोसायटी वाले पिता को मना करते थे कि बच्चों को यह गेम मत खेलने दो। इन्होंने शादी करनी है। दूसरे घर में जाना है। लेकिन हमने पापा को मनाया। कहा- हमपर भरोसा करें। आप लोगों की न सुनो जब हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे तब मजा आएगा। हालांकि यह इतना आसान नहीं था। शुरूआती ट्रेनिंग के दौरान मुझे काफी दिक्कतें आईं। एक ख्याल इसे छोड़ देने का भी आया। लेकिन कोच फैसल अली और पेरेंट्स के मोटिविट करने पर मैंने यह गेम जारी रखी।

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रोज 5-7 घंटे करती हैं प्रैक्टिस 
तजामुल रोज 5-7 घंटे प्रैक्टिस करती हैं। उसके बाद पढ़ाई भी। जब वह 11 साल की थी तब उन्होंने कश्मीर में स्पोटर््स अकादमी खोली थी। इस दौरान वह 720 बच्चों जिनमें उनकी छोटी बहन भी थी, को ट्रेनिंग देती थी। 
तजामुल का मानना है कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए चलते हुए मुश्किलें जरूर आएंगे। इससे तभी आगे निकलेंगे जब कभी हार न मानो वाला स्वभाव अपनाएंगे। तजामुल की ख्वाहिश ओलिम्पिक में देश के लिए मैडल लाना है।