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नई दिल्ली : श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने जिन भी महान गेंदबाजों का सामना किया वह उनका पूरा सम्मान करते हैं लेकिन उनका मानना है कि मौजूदा तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को बेहतर बल्लेबाजी इकाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व कप्तान जयवर्धने ने लगभग दो दशक के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान सभी प्रारूपों में 652 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। जयवर्धने का मानना है कि जब वह अपने करियर के शीर्ष पर थे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई विश्व स्तरीय गेंदबाज थे और उनका मानना है कि अब ऐसा नहीं है।

बल्लेबाजी हुई है आगे से बेहतर

Jayawardene had left the exam for this, said - now the bowlers are no longer level

जयवर्धने ने संजय मांजरेकर के साथ कहा- हमें देखना होगा कि मौजूदा पीढ़ी के गेंदबाज क्या वे संख्या हासिल कर पाएंगे जो उनके पूर्ववर्ती गेंदबाजों ने हासिल की है। मौजूदा गेंदबाजों को संभवत: बेहतर बल्लेबाजी इकाई का सामना करना पड़ रहा है। दो दशक के अपने करियर के दौरान गेंदबाजी आक्रमण के बारे में जयवर्धने ने कहा- अगर आप आधुनिक क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले शीर्ष 10 गेंदबाजों को देखें तो वे सभी उस युग (करियर के पहले हाफ में) में खेले। 

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Jayawardene had left the exam for this, said - now the bowlers are no longer level

उन्होंने कहा- मैं वाल्श और कपिल का सामना नहीं कर पाया क्योंकि मैंने उनके संन्यास के तुरंत बाद खेलना शुरू किया। जयवर्धने ने कहा- (मुथैया) मुरलीधरन, (शेन) वार्न, (ग्लेन) मैकग्रा, अनिल (कुंबले), भज्जी (हरभजन सिंह), सकलेन (मुश्ताक), वसीम (अकरम), वकार (यूनिस) मौजूद थे, उनके आंकड़े सब कुछ खुद बयां करते हैं।

क्रिकेट के लिए छोड़ दी थी परीक्षा

 

जयवर्धने ने कहा- मैंने अपने करियर के दौरान जिन गेंदबाजों का सामना किया उनके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ। जयवर्धने ने खुलासा किया कि उन्होंने क्रिकेट में तेज गेंदबाजी आलराउंडर के रूप में शुरुआत की थी और उन्होंने उस समय को भी याद किया जब उनके माता-पिता ने हांगकांग सिक्सेज टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने की स्वीकृति दे दी थी। हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट में प्रत्येक टीम में छह खिलाड़ी खेलते थे। टीम के पूर्व साथी मुथैया मुरलीधरन के बारे में पूछने पर जयवर्धने ने कहा कि इस महान स्पिनर को कुछ भी ऐसा करने के लिए मनाना मुश्किल होता था जिसे लेकर वह स्पष्ट नहीं होते थे।