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स्पोर्ट्स डेस्क : पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर अपनी घातक गेंदबाजी के लिए काफी मशहूर थे। कई बार बल्लेबाज उनकी गेंद का शिकार भी हुए और चोटिल भी हुए। अख्तर ने हाल ही में एक बयान में कहा कि वह जानबूझकर ऐसे गेंदबाजी करते थे क्योंकि सामने वाले बल्लेबाज को बंदर की तरह उछलता देख उनके दिल को सुकून मिलता था। 

अख्तर ने एक स्पोर्ट्स वेबसाइट से बाचती में कहा कि 'मैं बाउंसर फेंकता था क्योंकि जब बल्लेबाज बंदर की तरह उछलते थे तो मेरे दिल को सुकून मिलता था। मैं झूठ नहीं बोलूंगा, मेरे पास स्पीड थी और मैं बल्लेबाज के सिर पर हिट करना चाहता था। यह होना ही होता था। अख्तर ने कहा, मेरे बाल उड़ते रहते थे, दिल की धड़कन 185 से ज्यादा होती थी, ऐसे में आप फुलर गेंद तो फेंकोगे नहीं। यह शरीर पर लगनी चाहिए, आलू (सूजन) दिखे जिस्म पर। जब बल्लेबाज खुद को शीशे में देखे तो मुझे याद करें। यह सच्चा प्यार होता है। 

गौर हो कि अख्तर ने की 161.3 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार की गेंद आज भी सबसे तेज फेंकी गई गेंद है। उन्होंने 2003 आईसीसी वर्ल्ड कप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ ये गेंद फेंक कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया था। अख्तर पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट और 163 वनडे मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने क्रमशः 178 विकेट और 247 विकेट अपने नाम किए हैं।