येरूशलमः इस्राइल के सबसे मशहूर फुटबाल क्लब ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से हटाकर येरूशलम में स्थापित करने के ‘ साहसिक ’ फैसले के सम्मान में अपना नाम बदलकर बीटार ‘ ट्रंप ’ येरूशलम कर दिया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के नये दूतावास की आधिकारिक शुरुआत से पहले बीटार येरूशलम ने घोषणा की कि वह ट्रंप के ‘ साहसिक कदम ’ को सम्मान प्रदान करना चाहता है।
रविवार को फेसबुक पर प्रकाशित बयान में क्लब ने कहा, ‘‘ येरूशलम 70 वर्षों तक मान्यता पाने के लिये इंतजार करता रहा और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साहसिक कदम उठाते हुए येरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने साहस तथा इस्राइली लोगों और उनकी राजधानी के प्रति सच्चा प्यार दिखाया है। ’’ क्लब ने कहा, ‘‘ शहर के प्रमुख प्रतीकों में से एक फुटबाल क्लब बीटार येरूशलम राष्ट्रपति का उनके प्यार और समर्थन के लिये सम्मान करके खुश है। ’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि बीटार छह बार का इस्राइली लीग चैंपियन है और उसका विवादों से पुराना नाता रहा है।
इसमें कहा गया है कि क्लब के कट्टर समर्थकों को ‘ ला फामिलिया ’ नाम से जाना जाता है और वे मैचों के दौरान नियमित तौर पर अरब विरोधी और मुस्लिम विरोधी नारे लगाते रहे हैं। इसके लिये क्लब को पूर्व में सजा भी दी गई थी। बीटार ने कभी किसी अरब खिलाड़ी को अनुबंधित नहीं किया। उसने 2013 में रूसी लीग क्लब टेरेक ग्रोज्नी के दो मुस्लिम खिलाडिय़ों को अनुबंधित किया था जिसके बाद समर्थकों ने उसके कार्यालय में आग लगा दी थी।