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स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा (Ishant Sharma) को कईयों ने उनकी समस्याओं के बारे में बताया लेकिन सिर्फ जेसन गिलेस्पी (Jason Gillespie) ही थे जिन्होंने उन्हें इसका हल दिलाया जिसे वह लंबे समय से ढूंढ रहे थे। इशांत को यह भी लगता है कि विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में उनके, मोहम्मद शमी और उमेश यादव के बीच ‘बेहतर संवाद' के साथ साथ अपार अनुभव ने देश के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिए शानदार काम किया। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तानी में ऐसा नहीं होता था। 

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी

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दरअसल, मैच खत्म होने के बाद इंशात ने कहा, ‘देखिए धोनी के समय में हममें से कुछ के पास उतना अनुभव नहीं था। साथ ही तेज गेंदबाजों को काफी रोटेट किया जाता था, यही कारण है कि एक ग्रुप के रूप में निरंतरता हासिल नहीं की जा सकी।' वह महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भी काफी टेस्ट मैच खेले हैं और उस समय छह या सात तेज गेंदबाज होते थे जिन्हें रोटेट किया जाता था, जबकि उसकी तुलना में अब तीन या चार ही हैं।' 

 

विराट कोहली की कप्तानी

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इशांत ने आगे कहा, ‘अगर आप जानते हो कि आपका तीन-चार तेज गेंदबाजों (अब जसप्रीत बुमराह के साथ) का पूल है तो इससे संवाद बढ़ जाता है। पहले छह से सात गेंदबाज होते थे तो इतनी बातचीत नहीं होती थी।' उन्होंने कहा, ‘लेकिन विराट के आने के बाद हमें काफी अनुभव मिला है और इससे मदद मिली है। अब जब आप ज्यादा खेलते हो, ड्रेसिंग रूम में ज्यादा रहते हो, परिवार की तुलना में टीम के साथ ज्यादा समय बिताते हो तो चर्चायें भी खुली होती हैं। आप जब क्रीज पर जाते तो आप ज्यादा लुत्फ उठाना शुरू कर देते हो। यह अलग अहसास है।'