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जालन्धर : भारत को 2011 का विश्व कप दिलाने में अहम योगदान देने वाले गौतम गंभीर क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में कयास लगने लगे थे कि गंभीर राजनीति में अपनी दूसरी पारी शुरू करने जा रहे हैं। क्योंकि गंभीर देशभक्ति और राजनीति पर पहले भी अपने ट्विटर अकाऊंट से बेबाक टिप्पणियां करते रहते हैं ऐसे में क्रिकेट फैंस भी उनकी राजनीतिक पारी शुरू होने की लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। अब गंभीर ने खुद ही सामने आकर राजनीति पर अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। गंभीर का कहना है कि वह रबर स्टांप बनने के लिए पॉलीटिशन नहीं बनना चाहते। 

अगर आप चीजों ठीक कर सकते हैं तो राजनीति में आएं : गंभीर
Is Gautam Gambhir May Be Considering a Political Run Next

पॉलिटिक्स में आने के सवाल पर गंभीर ने साफ शब्दों में कहा कि पॉलिटिक्स में तब आया जाता है जब आप किसी की विचारधारा से प्रेरित हो और इसके अलावा और आपको काम करने की आजादी मिले। कुछेक लोग राजनीति सिर्फ पावर के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर आपको मकसद लोगों की सेवा करना और जिंदगियां बदलना है तो आपको राजनीति में जरूर आना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आप चीजों ठीक कर सकते हैं तो आपको यकीनन राजनीति में आना चाहिए। और एक बात सिर्फ रबर स्टांप बनने के लिए पॉलिटिक्स नहीं कर सकता। बता दें कि बीते दिन गंभीर के कोच संजय भारद्वाज ने भी कहा था कि गंभीर अगर राजनीति में भी आते हैं तो वह देश के लिए काफी कुछ कर सकते हैं, उन्होंने कहा था कि वह ईमानदार हैं। उसके अंदर सेवाभाव कूट-कूटकर भरी पड़ी है।

2015 विश्व कप में मौका न मिलने का अफसोस
Is Gautam Gambhir May Be Considering a Political Run Next

गंभीर ने 2015 विश्व कप के दौरान मौका न मिलने पर अफसोस भी जाहिर किया। गंभीर ने कहा- 2011 का विश्व कप जीतने के बाद अपना खिताब बचाने के लिए एक मौका तो हर खिलाड़ी को मिलना चाहिए लेकिन मुझे यह मौका नहीं मिल पाया। गंभीर ने इसके साथ ही धोनी के साथ रिश्तों पर भी चुप्पी तोड़ी। गंभीर ने कहा कि हर परिवार में मतभेद होते हैं लेकिन जरूरी नहीं इससे रिश्ते खराब हो जाएं। मुझे नहीं लगता कि मेरे और धोनी के बीच कोई अनबन है। 

गंभीर ने कहा- फेयरवेल मैच की जरूरत नहीं
Is Gautam Gambhir May Be Considering a Political Run Next

भारत के लिए 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी-20 खेलने वाले गंभीर ने फेयरवेल न मिलने पर कहा कि यह जरूरी नहीं है। अगर आपने 100 टेस्ट खेले हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आप फेयरवेल के लिए 101वां मैच खेलें। यह परंपरा ठीक नहीं है।