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नर्ई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): 16 मई 2013 की वह रात जिसने किक्रेटर श्रीसंत के जीवन को बदल दिया। टी-20 वल्र्ड कप में कैच से सुर्खियों में आए श्रीसंत पर आजीवन बैन लग गया, उन्हें अपराधी बना दिया गया, साथ ही उन पर दाग लगा कि वो गद्दार हैं, पैसों के लिए खेल के नाम देश के नाम को बेच देते हैं। उस रात जहां कई बड़े नाम अपराधी बने वहीं रातो रात  दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल चैनल की सुर्खियों में थी, नेशनल ही नहीं अतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिल्ली पुलिस टीम को सराहा जाने लगा और तत्कालिक पुलिस आयुक्त नीरज कुमार और डीसीपी सेपशल सेल संजीव यादव हीरो बन गए, आखिर क्यों नहीं आईपीएल मैच कि फिक्सिंग का पर्दाफाश जो किया था। 

मामले में हुई थी श्रीसंत, अजित चंदीला की गिरफ्तारी
मामले में टीम किक्रेटर श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण की गिरफ्तारी की थी। यही नहीं उसके बाद आईपीएल सहित बीसीसीआई में एक भूचाल भी आया जिसके तहत तत्कालिक बीसीसीआई चीफ श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग कांड में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा महेन्द्र सिंह धेानी को कुछ समय के लिए चेन्न्ई सुपरकिंग से हाथ धोना पड़ा साथ राजस्थान रॉयल्स के मालिक राजकुद्रा सहित बिंदु धारा सिंह जैसे कई लोग इसमें फंसते चले गए। लेकिन अब सभी के दामन से दाग धुल गए है और दाग लगे है तो स्पेशल सेल पर आखिर किन कारणों के चलते देश के चर्चित केस से आरेापी आसानी से बरी हो गए। 

आईए देखते हैं इनसाइट स्टोरी
16 मई की 2013 की वह रात, उस काली रात ने क्रिकेटर श्रीसंत सहित, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण के जीवन पर बदनुमा दाग लगा दिया कि वे रिश्वतखोर है, पैसों के लिए वह देश के नाम को झुका सकते हैं। ये दाग लगाया था दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने! जिसे दिल्ली पुलिस अपनी शान समझती है, लेकिन 25 जुलाई 2015 को कोर्ट ने बताया कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सभी दावें झूठे हैं और सभी खिलाडिय़ों पर लगे आरोप गलत है। हाईकोर्ट ने भी इसे माना और अंत में सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाते हुए इन्हें क्रिकेट जगत में वापिसी की हरी झंडी दी। सवाल ये नहीं कि इन्हें इंसाफ मिला, सवाल ये है कि आखिरकार स्पेशल सेल से कहां चूक हुई जिसके चलते ये सभी खिलाड़ी आरोपों से बरी हो गए। सवाल ये भी है क्या दिल्ली पुलिस ने आदेश के खिलाफ अपील क्यों नहीं की। क्या दिल्ली पुलिस की टीम ने वाहवाही लूटने के लिए ऐसा किया था या फिर सेल ने बाद में किसी अन्य लालच के चलते केस में ढिलाई बरती। इसी पर आधारित है इनसाइट स्टोरी:-

पटियाला हाउस ने पूछा आखिर सेल बताए कि कैसे ठहराएं इन्हें दोषी
पेश की गई चार्जशीट में सेल द्वारा लिखी गई बातों को कोर्ट ने एक कहानी बताया, कोर्ट ने टिप्पणी की कि आईपीएल से करोड़ों लोग जुड़े हैं, लोग इसे देखना पंसद करते है,बच्चे इसे आइडल मानते हैं और आपने आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग की बात कह एक नई मिसाल दी थी, लेकिन क्या ये आपकी कल्पना थी कि आप किसी को भी गिरफ्तार करेंगे और जो चाहे लिखेंगे उसे कोर्ट मानेगा। कोर्ट ने सेल पर नाराजगी भी जताई थी कि आखिर जिन तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी हुई उनके सबूत क्यों नहीं दिए गए। 

25 जुलाई को  स्पेशल सेल की किरकिरी
कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और सबूतों के अभाव में दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण पर लगे पुलिस के सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि सेल की चार्जशीट महज एक कहानी की किताब हैं। 

 

 

  • इसी केस के चलते आईपीएल के पूर्व चेयरमैैन ललित मोदी को देश छोडऩा पड़ा
  • दिल्ली पुलिस ने जहां हर पल खाई मात वहीं मुम्बई और अन्य राज्य की पुलिस ने जीती अपनी जंग
  • आखिर कहां गया जनार्दन बुकी जो श्रीसंत के करीबी था और सेल के दावे के तहत जनार्दन ने श्रीसंत को आईपीएल के दौरान किसी खास ओवर में कुछ खास रन देने पर पैसे देने का वादा किया था। 
  • श्रीसंत सहित अन्य क्रिकेटर दिल्ली पुलिस पर करेंगे मानहानि का दावा 
  • आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में 6000 पन्नों की चार्जशीट हुई थी दाखिल, 39 आरोपी बरी