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नई दिल्लीः आईपीएल इतिहास का सबसे शर्मनाक और झकझोर देने वाला विवाद आज ही के दिन यानी 16 मई 2013 को घटा था। इस दिन राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ी तेज गेंदबाज एस श्रीशांत, स्पिनर अंकित चव्हाण और अजीत चंदेला पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा। इन तीनों खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया और उसके बाद सभी पर बीसीसीआई ने लाइफ बैन लगा दिया। हालांकि बाद में कोर्ट ने इन्हें बरी भी कर दिया लेकिन इन पर लगी आजीवन पाबंदी आज भी बरकरार है।

दिल्ली पुलिस ने किया था भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने फिक्सिंग का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि कैस राजस्थान ने मैच फिक्स किए। पुलिस के मुताबिक 2013 में 5 मई को जयपुर में हुए राजस्थान Vs पुणे वॉरियर्स और 9 मई को मोहाली में हुए राजस्थान रॉयल्स Vs किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैचों में स्पॉट फिक्सिंग हुई थी। साथ ही 15 मई को मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच में स्पॉट फिक्सिंग होने का दावा पुलिस ने किया।

श्रीसंत ने की थी 40 लाख की डील
खुलासा हुआ कि 9 मई को राजस्थान और पंजाब के बीच मैच में श्रीसंत ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए 40 लाख रुपए लिए थे। डील के अनुसार उन्हें एक ओवर में 13 रन देने थे। यह तय हुआ था कि श्रीसंत स्पॉट फिक्सिंग वाला ओवर डालने से पहले बुकी को संकेत देने के लिए अपने ट्राउजर में तौलिया लगाकर गेंदबाजी करेंगे। वहीं श्रीसंत ने भी गलती मानी थी। श्रीसंत के अनुसार अपने दूसरे ओवर में उन्होंने न केवल इशारा देने के लिए ट्राउजर में तौलिया लगाया बल्कि बुकीज को तैयारी के लिए पूरा समय देने के गेंदबाजी से पहले वॉर्म अप किया और कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी किए। डील के अनुसार श्रीसंत ने इस ओवर में 13 रन भी दिए। 

10 जून 2013 को इन तीनों श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण को जमानत मिल गई. दिल्ली पुलिस की करीब 6000 पेज की चार्जशीट में इन खिलाड़ियों के साथ 39 दूसरे लोगों को भी आरोपी बनाया गया। 25 जुलाई 2015 को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अजित चंदीला और अंकित चव्हाण पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया पर श्रीसंत पर बरकरार रखा। श्रीसंत ने फिर से खेलने की अनुमति मांगी थी लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें फिर से टीम में शामिल करने से मना कर दिया।

अब कहां तक पहुंचा मामला?
केरल उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पिछले साल सात अगस्त को श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बीसीसीआई की अपील पर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध फिर से बहाल कर दिया। श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। अब सुप्रीम कोर्ट के जज ने श्रीसंत का पक्ष सुनने के बाद आदेश जारी किए हैं कि यह मामला जुलाई के अंत तक सुलझाया जाए।