Sports

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को आईओसी के इस बयान का समर्थन किया कि तोक्यो ओलंपिक बिना किसी परेशानी के समय पर शुरू होंगे। कोविड-19 के कारण भले ही दुनिया भर की स्वास्थ्य सेवाएं और अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और तोक्यो खेल आयोजक खेलों को 24 जुलाई से ही शुरू करने पर अडिग हैं।

आईओए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में दहशत पैदा कर रखी है लेकिन हमें उम्मीद है कि एक या दो महीने में इस पर काबू पा लिया जाएगा। इस बीमारी के केंद्र में रहे चीन में इस पर नियंत्रण पा लिया गया है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि ओलंपिक बिना किसी बाधा के सही समय पर शुरू होंगे।' उन्होंने कहा, ‘लेकिन आईओसी हमारी सर्वोच्च संस्था है और आईओसी जो भी फैसला करेगी हमें उसका पालन करना होगा। अगर आईओसी कहती है कि ओलंपिक होंगे तो फिर कोई भी परेशानी हो हमें उनमें भाग लेना होगा।'

आईओसी के रवैये से कई खिलाड़ी नाराज है और उन्होंने विश्व संस्था पर उन्हें जोखिम में डालने का आरोप लगाया। कुछ अधिकारियों ने भी आशंकाएं व्यक्त की है। इनके जवाब में आईओसी ने बुधवार को कहा था कि वर्तमान स्थिति का कोई आसान समाधान नहीं है। आईओए ने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस के कारण उनकी तैयारियां बुरी तरह प्रभावित हुई है लेकिन अगर ओलंपिक खेल होते हैं तो अब भी उसे दस या इससे अधिक पदक जीतने की उम्मीद है।

अधिकारी ने कहा, ‘हां, यह सही है कि हमारी तैयारियां प्रभावित हुई हैं क्योंकि कोरोना वायरस के कारण कई ओलंपिक क्वालीफायर, परीक्षण प्रतियोगिताएं और विदेशों में लगने वाले अभ्यास शिविर स्थगित या रद्द कर दिए गए हैं।' उन्होंने कहा, ‘लेकिन ऐसा भारत के साथ ही नहीं हुआ है। प्रत्येक देश इस तरह की स्थिति का सामना कर रहा है, इसलिए भाग लेने वाले प्रत्येक देश पर इसका बराबर प्रभाव पड़ा है। इसलिए हमें अब भी तोक्यो खेलों से दस या इससे अधिक पदकों की उम्मीद है।'