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नई दिल्ली : भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमें 18वें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर सीधे 2020 के टोक्यो ओलम्पिक का टिकट कटाने के लक्ष्य के साथ इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जकार्ता रवाना हो गईं। 18 सदस्यीय महिला टीम अपने अभियान की शुरुआत मेजबान इंडोनेशिया के खिलाफ 19 अगस्त को पूल बी के अपने ओपनिंग मैच से करेगी जबकि पुरुष टीम अपने खिताब बचाओ अभियान की शुरुआत 20 अगस्त को इंडोनेशिया के खिलाफ मैच से करेगी। भारतीय महिला टीम के ग्रुप में कोरिया, थाईलैंड, कजाखस्तान और इंडोनेशिया हैं। ग्रुप में शीर्ष दो स्थान में रहने वाली टीमों को सेमीफाइनल में प्रवेश मिलेगा। गत चैंपियन भारतीय पुरुष टीम के ग्रुप में इंडोनेशिया, कोरिया, जापान, श्रीलंका और हांगकांग हैं।

भारतीय महिला टीम ने 2014 के पिछले एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। भारतीय कप्तान रानी ने इस बार पदक का रंग बदलने का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा- हमने एशियाई खेलों से पहले लंदन में हुए विश्व कप में मजबूत प्रदर्शन किया था जहां हम क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे थे। इस प्रदर्शन से हमारा हौंसला बुलंद हुआ है और पूरी टीम उत्साह से भरी हुई है।

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रानी ने कहा- हमें थोड़ा अफसोस रहेगा कि हम विश्व कप के सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच सके। लेकिन इसकी कमी हम एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पूरी करेंगे। टीम का मनोबल ऊंचा है और सभी खिलाड़ी एशियाई खेलों में खिताब जीतकर टोक्यो ओलम्पिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने को बेताब हैं। 

भारतीय टीम विश्व कप के अपने शानदार प्रदर्शन के कारण विश्व रैंकिंग में अपने सर्वश्रेष्ठ नौंवें स्थान पर पहुंच गई है। भारतीय पुरुष टीम पर अपना खिताब बचाने का दबाव रहेगा। पुरुष टीम का भी लक्ष्य स्वर्ण पदक और ओलंम्पिक टिकट है ताकि नवंबर में भुवनेश्वर में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए उसका मनोबल अभी से ऊंचा हो सके। भारतीय टीम ने पिछले एशियाई खेलों में पाकिस्तान को शूटआउट में हराकर स्वर्ण पदक जीता था।

भारत की पिछली खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा, चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने के बाद हमारा बेंगलुरु में कड़े अभ्यास वाला ट्रेनिंग कैंप रहा था। हमने बंगलादेश, कोरिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ अभ्यास मैच खेले थे जहां हम गोल करने वाली पोजीशन में कुछ बदलाव करना चाहते थे क्योंकि स्ट्राइकिंग सर्कल में यह कमी हमें चैंपियंस ट्रॉफी में महसूस हुई थी।