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नई दिल्लीः क्रिकेट एक ऐसा खेल हैं, जिसका दर्शकों के साथ-साथ बल्लेबाज भी पूरा लुफ्त उठाते हैं। बल्लेबाज चाहे किसी भी मुश्किल में गुजर रहा हो लेकिन जब उसका बल्ला चलाने का मूड़ हो तो वो उसका सामना करने से नहीं हटता। इसके उदाहरण हैं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सीके नायडू। यह वाक्या काफी पुराना है जब एक घरेलू मैच के दाैरान नायडू के मुंह में गेंद लगने के कारण दांत टूट गया था। दांत टूटने के बावजूद भी नायडू क्रीज पर डटे रहे आैर बेहतरीन पारी खेलkj लाैटे।

दत्तू फडकर की बाउंसर का हुए थे शिकार
इस घरेलू मैच में नायडू भारतीय टीम के आलराउंडर दत्तू फडकर की बाउंसर का शिकार हुए थे। दत्तू की गेंद नायडू के जबड़े में लगी थी, जिसके कारण उनके दो दांत टूट गए थे। उनके दो दांत नीचे गिर गए आैर खून से लहुलुहान हो गए। फिल्डिंग कर रहे माधव आप्टे भागकर उनके पास आए आैर उन्हें आराम लेने को कहा, लेकिन नायडू ने मना कर दिया। 
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जेब में डाल लिए दोनों टूटे दांत
इसके बाद नायडू ने अपने दोनों दांतों को रुमाल से उठाया आैर जेब में डाल लिया। उनके मुंह से खून निकलना थम नहीं रहा था लेकिन बावजूद इसे नायडू ने तेज पारी खेली। उन्होंने फिफ्टी लगाई, आैर ऐसा जबरदस्त खेले कि दो दांत टूटने के बावजूद भी 2 छक्के लगाए। 
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ऐसा रहा नायडू का क्रिकेट करियर
31 अक्टूबर 1895 को नागपुर में जन्मे भारत के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू ने अपने करियर में 7 टेस्ट खेले, जिसकी 14 पारियों में उन्होंने 350 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 अर्धशतक भी जड़े। इतना ही नहीं नायडू ने गेंदबाजी में भी हाथ आजमाया और 9 विकेट छटकाए। इस खिलाड़ी ने अपना डेब्यू मैच सन् 1932, जबकि आखिरी मैच सन् 1936 में खेला था।