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लंदनः कप्तान रानी के निर्णायक गोल से भारतीय महिला हॉकी टीम ने अमेरिका के खिलाफ 1-1 से ड्रा खेल कर महिला हॉकी विश्व कप टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल की होड़ में खुद को कायम रखा। भारत को ओलंपिक चैंपियन इंग्लैंड के साथ 1-1 का ड्रॉ खेलने के बाद आयरलैंड से 0-1 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत को क्वार्टरफाइनल की होड़ में बने रहने के लिए करो या मरो के इस मुकाबले में अमेरिका से या तो मैच जीतना था या फिर ड्रा खेलना था।   

भारतीय टीम 11वें मिनट में अमेरिका के मैदानी गोल से पिछड़ गयी थी लेकिन रानी ने 31वें मिनट में भारत के लिए बराबरी का गोल दाग दिया। अंत तक यही स्कोर रहा और इसके साथ ही उसकी क्वार्टरफाइनल की उम्मीदें भी बनी रहीं। भारतीय टीम पूल बी में तीसरे या दूसरे स्थान पर बनी रहेगी। विश्व की 10वें नंबर की टीम भारत ने विश्व रैंकिंग में सातवें नंबर की टीम अमेरिका के खिलाफ एक गोल से पिछडऩे के बाद बेहतर खेल का प्रदर्शन किया। भारत ने न केवल बराबरी हासिल की बल्कि अमेरिका को आगे गोल करने से भी रोके रखा। अमेरिका की टीम पूल में चौथे स्थान पर रहकर क्वार्टरफाइनल की होड़ से बाहर हो गयी।  

विश्वकप में चारों पूल में शीर्ष पर रहने वाली टीमों को सीधे क्वार्टरफाइनल में प्रवेश मिलेगा जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्रॉस मैच खेलेंगी और विजेता टीम फिर क्वार्टरफाइनल में पहले से ही मौजूद टीम से भिड़ेगी। अमेरिका ने मार्गॉक्स पाओलिन के 11वें मिनट के गोल से बढ़त बनायी और इसे आधे समय तक कायम रखा। लेकिन तीसरा क्वार्टर शुरू होते ही भारत को पेनल्टी कार्नर मिला और रानी इस मौके पर गोल करने में कोई गलती नहीं की। बराबरी के बाद दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकी और मैच बराबरी पर समाप्त हुआ।