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जालन्धर : भारतीय जिम्नास्ट प्रणति नायक ने टोक्यो 2020 के लिए एशियाई कोटा हासिल किया। पश्चिम बंगाल के झारग्राम में जन्मी प्रणति इस गेम में भारत की ओर से ओलिम्पिक में खेलने वाली महज दूसरी महिला हैं। 26 साल की प्रणति पश्चिम बंगाल के उन इलाकों से आई है जहां जिम्नास्ट सेंटर की सुविधाएं न के बराबर हैं। इनके संघर्ष की कहानी दर्दनाक है।

जिमनास्टिक

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प्रणति नायक
जन्म 6 अप्रैल 1995
पिंगला, वैस्ट बंगाल

विजेता
एशियन चैम्पियनशिप 2019 में ब्रॉन्ज
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18 इवैंट में 324 प्रतिभागी लेंगे हिस्सा (114 पुरुष, 210 महिलाएं)
62 देशों से आए एथलीट्स परखेंगे किस्मत

श्रेणियां : कलात्मक जिम्नास्टिक, लयबद्ध जिमनास्टिक और ट्रैम्पोलिनिंग 

भारत का जिमनास्टक इतिहास

ओलिम्पिक में भारतीय जिमनास्ट की पहली एंट्री 2016 रियो ओलिम्पिक से हुई थी। दीपा करमाकर पहली महिला जिमनास्ट थी जिन्होंने इस प्रतिष्ठित इवैंट में एंट्री की थी। दीपा ने अपने खेल से प्रभावित किया लेकिन वह मैडल जीतने से चूक गई थीं। इस साल वह चोट के कारण ओलिम्पिक में हिस्सा नहीं लेंगी।

मेरे पिता ने कई सालों तक बस चलाई है और अब मैं चाहती हूं कि अब जीवन उनके लिए थोड़ा आसान हो। मेरे माता-पिता के कोई बेटा नहीं है, लेकिन मैंने उनसे कहा कि उनकी देखभाल करने के लिए मैं ही पर्याप्त हूं।
-प्रणति नायक

कोच मिनारा ने संवारा प्रणति का करियर

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प्रणति 8 साल की थी जब से उन्हें स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की कोच मिनारा बेगम ट्रेनिंग दे रही हैं। प्रणति ने कहा कि मेरे माता-पिता में मेरे खेल करियर का आर्थिक बोझ उठाने की क्षमता नहीं थी। मिनारा मैम ने मेरे ठहरने, भोजन, अन्य खर्चों के अलावा जेब खर्च का भी ध्यान रखा। हालांकि मिनारा टोक्यो में प्रणति के साथ नहीं जा पाएंगी। क्योंकि 2019 में वह बतौर कोच रिटायर हो गई थीं। प्रणति के पिता 2017 तक राज्य परिवहन में बस चालक रहे। इससे पहले 2004 में प्रणति ने कोलकाता में जिम्नास्टिक ज्वाइन कर लिया था। स्कूल द्वारा मिनारा बेगम को उनका कोच बनने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद वह कोलकाता में शिफ्ट हो गई और बेगम ने न केवल खेल की बुनियादी बातों को चमकाने में मदद की बल्कि उसके खर्चे भी उठाए।

प्रमुख वॉल्ट इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय : प्रणति की सबसे बड़ी उपलब्धि मंगोलिया, उलानबाटार में 2019 एशियाई जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतना है। उनसे पहले दीपा करमाकर (2014 राष्ट्रमंडल खेलों) और अरुणा रेड्डी (2018 विश्व कप जिम्नास्टिक) में पदक जीत चुकी हैं।

मुश्किलें अभी भी खड़ीं, एक साल से नहीं की ट्रेनिंग

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टोक्यो 2020 कोटा हासिल करने की खबर प्रणति को लग चुकी थी लेकिन वह कोविड-19 प्रतिबंध के कारण करीब एक वर्ष तक प्रशिक्षण नहीं ले पाई। जिमनास्ट ने बताया कि कोलकाता में जिस सैंटर में मैं प्रशिक्षण ले रही थी, कोविड-19 की वजह से एक साल से बंद रहा। लॉकडाउन बड़ा कारक रहा। लेकिन अब कोटा मिलने से मेरी राह आसान हो गई है।