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मेलबर्नः हनुमा विहारी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बुधवार से यहां खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाएंगे जिस पर चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने आश्वासन दिया कि अगर वह नई जिम्मेदारी में विफल रहते हैं तो उन्हें मध्यक्रम में भी पूरा मौका मिलेगा। लोकेश राहुल और मुरली विजय के विफल होने के बाद टीम प्रबंधन ने पदार्पण कर रहे मयंक अग्रवाल के साथ विहारी को पारी की शुरूआत करने के लिए चुना है।

विहारी विफल हुए तो मिडल ऑर्डर में मिलेगा माैका

प्रसाद से जब पूछा गया कि क्या यह विहारी के लिए गलत नहीं होगा क्योंकि उन्होंने अभी तक सिर्फ दो टेस्ट खेले हैं और घरेलू प्रथम श्रेणी में भी वह नियमित तौर पर पारी शुरू नहीं करते तो उन्होंने कहा, ‘‘ अगले दो टेस्ट में अगर वह सलामी बल्लेबाज की भूमिका में विफल होते हैं तो भी उन्हें मिडल ऑर्डर में पूरा मौका मिलेगा।’’ घरेलू क्रिकेट में आंध्र के लिए खेलने वाले विहारी को करीब से देखने वाले प्रसाद ने कहा कि उनके पास नयी कूकाबूरा गेंद का सामना करने के लिए अच्छी तकनीक है।
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1999 में प्रसाद को भी दी गई थी ऐसा जिम्मेदारी

उन्होंने कहा, ‘‘ वह अच्छा है, तकनीकी रूप से हमें लगा की विहारी दक्ष है। ऐसे कई मौके रहे है जब टीम की जरूरत के मुताबिक चेतेश्वर पूजारा ने भी पारी की शुरूआत की है। टीम को अभी इसकी जरूरत है और मैं निश्चित रूप से आश्चस्त हूं कि वह सफल होगा। मैं कह सकता हूं कि यह लंबे समय के लिए समाधान नहीं होगा।’’ विहारी की तरह प्रसाद को भी 1999 के दौरे पर ऐसे जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन वह ब्रेट ली की तेज गेंदों का सामना नहीं कर सके थे। उन्होंने कहा विहारी को यह मौका एक अवसर के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने कहा,‘‘ मुझे हमेशा लगता है कि वह (1999 के ऑस्ट्रेलिया दौर पर) मेरे लिए मौका था जिस पर मैं खरा नहीं उतर सका। हमें लगता है कि रोहित की तुलना में विहारी ऐसा करने में ज्यादा सक्षम है। हम उसकी तकनीक को लेकर आश्वस्त हैं और भरोसा है कि वह लंबे समय तक भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहेगा।

मयंक को भारत ए के लिए नियमित तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने का फायदा मिला है तो वहीं पिछले एक साल से लगातार विफल हो रहे राहुल और विजय के भविष्य पर प्रसाद ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने मयंक को इसलिए बुलाया क्योंकि वह अच्छे फार्म में है और उसने भारत-ए श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया। मौजूदा फार्म को देखें तो हम सब जानते हैं कि दोनों सलामी बल्लेबाज उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। यही कारण है कि उन्हें टीम से बाहर किया गया है। यह निराशाजनक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है अगली टेस्ट श्रृंखला सात महीने बाद है ऐसे में निश्चित तौर पर इस पर विचार किया जाएगा।’’