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नई दिल्ली : सीनियर महिला क्रिकेटरों के नकारात्मक फीडबैक के बाद कोच पद छोडऩे के लिए मजबूर हुए वाले तुषार अरोठे ने अब विरोध का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने कहा कि कोच के भाग्य का फैसला खिलाडिय़ों के हाथों पर छोडऩे से गलत मानदंड स्थापित होंगे। भारतीय महिला टीम को विश्व कप फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले 51 वर्षीय अरोठे को सीनियर खिलाडिय़ों विशेषकर ट्वेंटी-20 की कप्तान हरमनप्रीत कौर की शिकायत के बाद बीसीसीआई ने पद से हटा दिया था। हरमनप्रीत को खास तौर पर अरोठे के अभ्यास के तरीकों से शिकायत थी। अरोठे ने बिना हरमनप्रीत का नाम लिए कहा कि अगर विद्यार्थियों ने शिक्षक की मौजूदगी के बावजूद अपना पाठ्यक्रम तय करना शुरू कर दिया तो मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा है। इसी तरह से अगर केवल खिलाडिय़ों के आरोपों के आधार पर कोच हटाये जाने लगे तो फिर आप गलत मानदंड स्थापित कर रहे हैं।’’ 
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अरोठे ने कहा कि खिलाडिय़ों के नाखुश होने पर इस तरह से प्रशिक्षकों को लगातार हटाने से पता चलता है कि कौन गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे से पहले कोई और (पूर्णिमा राव) था जिसे इसलिए हटाया गया क्योंकि खिलाड़ी उसे नहीं चाहती थी। अब उन्हें मेरी शैली पसंद नहीं है। कल नया कोच आएगा और हो सकता कि उन्हें वह भी पसंद नहीं आये। इसलिए अगर केवल एक पक्ष को समस्या है तो इसका क्या मतलब निकलता है।
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अरोठे की प्रशिक्षण शैली पर सवाल खड़े किए गए। इसके अलावा उन पर टीम का ‘रिमोट कंट्रोल’ बनने का आरोप भी लगाए गए। अरोठे ने हालांकि कहा कि उन पर लगाया गया प्रत्येक आरोप गलत है और जब उन्हें बुलाया गया तो उन्होंने प्रशासकों की समिति के सामने अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोप प्रतिदिन दो अभ्यास सत्र को लेकर था। लड़कियों को एशिया कप तक कोई दिक्कत नहीं थी। यह प्रक्रिया पिछले साल के विश्व कप से पहले शुरू की गई थी। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि जो सुबह के सत्र में बल्लेबाजी या गेंदबाजी करते हैं उन्हें दोपहर या शाम के सत्र में विश्राम दिया जाता है। आप नंबर एक टीम बनना चाहते हैं और कड़ी मेहनत नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में तो यह संभव नहीं है।’’

बीसीसीआई के साथ बैठक के दौरान उनसे कहा गया कि एक सीनियर खिलाड़ी ने बताया कि था वह गेंदबाजों को नेगेटिव लाइन पर गेंदबाजी करने के लिए मजबूर करने करने की कोशिश करते थे। अरोठे ने कहा, ‘‘मुझसे पूछा गया कि तुमने लड़कियों को नेगेटिव लाइन (लेग स्टंप की लाइन) पर गेंदबाज करने के लिये क्यों कहा। मैंने कहा कि हमारे पास मैच की रिकार्डिंग है। वीडियो की समीक्षा कीजिए और मुझे बताईये कि किस ओवर में गेंदबाज ने नेगेटिव लाइन पर गेंदबाजी की। जब ये आरोप लगाये गये तब कम से कम उन्हें यह सोचना चाहिए था कि टी-20 में लंबे प्रारूप की तरह नेगेटिव लाइन पर गेंदबाजी करना मुश्किल है।
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अरोठे ने हालांकि सीनियर खिलाड़ी मिताली राज और झूलन गोस्वामी की तारीफ की। उन्होंने कहा- मिताली और झूलन का रवैया बेहद सहयोग वाला रहा और वे टीम बैठकों चर्चा के लिए तैयार रहती थी। जहां तक हरमनप्रीत का सवाल है तो मेरे मन में उसके प्रति कोई द्वेष नहीं है। वह अच्छी क्रिकेटर है लेकिन मुझे हैरानी हुई कि जब मैंने पूछा कि किसने शिकायत की तो मुझे बताया गया कि ‘कप्तान ने बोला’। मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।