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स्पोर्ट्स डेस्क: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने मंगलवार को विवादास्पद ‘जिंग' गिल्लियों को बदलने से इन्कार कर दिया जो कुछ अवसरों पर गेंद के स्टंप पर लगने के बावजूद गिरी नहीं है। भारतीय कप्तान विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान आरोन फिंच ने रविवार को एलईडी गिल्लियों को लेकर शिकायत की थी कि गेंद लगने से उनसे रोशनी निकलती है जिससे टीवी अंपायर का काम तो आसान हो जाता है लेकिन कई बार वे नीचे नहीं गिरती हैं।

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आईसीसी के हवाले से कहा, ‘हम प्रतियोगिता के बीच में कुछ भी नहीं बदलेंगे क्योंकि यह प्रतियोगिता की समग्रता से समझौता होगा। सभी 10 टीमों के लिए सभी 48 मैचों में उपकरण एक समान हैं।' वर्तमान विश्व कप में लगभग 10 मौके ऐसे आए जबकि गेंद स्टंप पर लगने के बावजूद गिल्लियां नहीं गिरी। इसका कारण गिल्लियों का अधिक वजनी होना बताया जा रहा है कयोंकि चमक सुनिश्चित करने के लिए उनके अंदर कई तारें लगाई गईं हैं। आईसीसी ने कहा, ‘पिछले चार वर्षों में स्टंप नहीं बदल गए। इनका उपयोग विश्व कप 2015 से सभी आईसीसी प्रतियोगिताओं और कई घरेलू टूर्नामेंट में हो रहा है। इसका मतलब है कि इनका उपयोग 1000 से अधिक मैचों में किया गया है।' रविवार को ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर को तब जीवनदान मिला जब जसप्रीत बुमराह की गेंद विकेट पर लगने के बावजूद वह बोल्ड आउट नहीं हुए क्योंकि गिल्लियां नहीं गिरी। 

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कोहली ने मैच के बाद कहा था, ‘मुझे पक्का विश्वास है कि कोई भी टीम ऐसा नहीं चाहेगी कि किसी अच्छी गेंद पर भी आपको विकेट नहीं मिले। गेंद स्टंप को हिट करती है लेकिन रोशनी नहीं जलती है या रोशनी जलती है और गिल्लियां नहीं गिरती है। मैंने पूर्व में ऐसा होते हुए बहुत कम देखा है।' आस्ट्रेलियाई कप्तान फिंच ने भी इसे अनुचित करार दिया। फिंच ने कहा, ‘हां मुझे ऐसा लगता है। आज भले ही हमें इसका फायदा मिला लेकिन कई बार यह थोड़ा अनुचित लगता है। और मैं जानता हूं कि डेविड के स्टंप पर काफी तेजी से गेंद लगी थी।' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लगता है कि ऐसा लगातार हो रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि आप विश्व कप फाइनल या सेमीफाइनल में ऐसा होते हुए कतई नहीं देखना चाहोगे। आप किसी खिलाड़ी को आउट करने के लिए एक गेंदबाज या क्षेत्ररक्षक के रूप में जाल बिछाते हो लेकिन आपको उसका फायदा नहीं मिलता है।'