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कराचीः पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भारत के खिलाफ मैच खेलने के मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के विवाद समाधान समिति के फैसले को मानने को तैयार है और चाहता है कि अगर फैसला उसके पक्ष में रहता है तो 2019-2013 के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में दोनों देशों के द्विपक्षीय मुकाबलों को शामिल किया जाए। आईसीसी कार्यकारी बोर्ड और दूसरी समितियों की बैठक में भाग लेने के बाद कोलकाता से यहां पहुंचे पीसीबी प्रमुख नजम सेठी ने कहा कि पाकिस्तान ने एफटीपी पर शर्तों के साथ हस्ताक्षर किए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह साफ कर दिया है कि अगर आईसीसी विवाद समाधान समिति का फैसला हमारे पक्ष में रहता है तो भारत को नए एफटीपी में हमारे खिलाफ खेलना होगा। यह फैसला अक्तूबर में आएगा।’’ सेठी ने कहा, ‘‘अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं रहता तो भी हम नए एफटीपी के मुताबिक 123 मैच खेलेंगे इसलिए इस मामले में हमने अच्छा किया।’’ आईसीसी ने कोलकाता में हुई बैठक में एफटीपी को अंतिम रूप दिया है लेकिन मौजूदा कार्यक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय मैच नहीं है। आईसीसी ने कहा था कि पाकिस्तान के लगभग सात करोड डालर के मुआवजे की सुनवाई का फैसला अक्तूबर में दुबई में होने वाली चार दिवसीय बैठक में सुनाया जाएगा।

सेठी ने उम्मीद जताई की पाकिस्तान मुआवजा मामले को जीत सकता है क्योंकि उसकी कानूनी टीम ने बीसीसीआई के खिलाफ मजबूत मामला बनाया है। पीसीबी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम अपनी बात पर कायम है कि 2014 में आईसीसी की बैठक के दौरान दोनों बोर्ड के बीच 2015 से 2023 तक छह द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया था।’’ बीसीसीआई ने इससे पहले कहा था कि एमओयू कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज नहीं है और उस पर हस्ताक्षर की शर्त यह थी कि पाकिस्तान बिग थ्री गवर्नेंस सिस्टम का समर्थन करेगा जिसे अब भंग कर दिया गया है। इसके साथ उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लिए सरकारी मंजूरी की आवश्यकता है। सेठी ने साफ किया कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ खेलने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन पहले आईसीसी को मामले पर फैसला करना होगा।