Sports

नई दिल्ली : करियर को खतरे में डालने वाली घुटने की चोट के बाद खतरनाक प्रोडुनोवा का अभ्यास छोडऩे को मजबूर हुईं दिग्गज भारतीय जिम्नास्ट दीपा कर्माकर एशियाई खेलों के बाद ‘वोल्ट ऑफ डेथ’ के साथ वापसी करेंगी। दीपा ने 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में प्रोडुनोवा वोल्ट में गुरूत्वाकर्षण को मात देने वाला प्रदर्शन कर भारतीय जिम्नास्टिक्स को दुनिया के मानचित्र पर डाल दिया था।

ऐसे होता है प्रोडुनोवा मूव
PunjabKesari
लेकिन दाएं घुटने में चोट के कारण वह रियो के बाद किसी टूर्नामेंट में खेल नहीं पायीं। पिछले साल अप्रैल में उन्हें ऑपरेशन कराना पड़ा और फिर एशियाई चैंपियनशिप एवं विश्व चैंपियनशिप और इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं ले पाईं। तुर्की में आठ जुलाई को विश्व चैलेंज कप में वापसी करते हुए दीपा ने हैंडस्प्रिंग और सुकुहारा 720 के साथ स्वर्ण पदक जीता। वह किसी वैश्विक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट हैं।
PunjabKesari
दीपा ने कहा कि वह प्रोडुनोवा नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा- मैं यह करूंगी लेकिन इसमें समय लगेगा। मैंने इसमें महारत हासिल करने के लिए काफी समय बिताया है लेकिन चोट के बाद यह मुश्किल था। प्रोडुनोवा में मुश्किल स्तर सात से घटाकर 6.4 कर दिया गया है, असल में मुश्किलों में औसत स्कोर घटाए जा रहे हैं लेकिन मैं प्रोडुनोवा के साथ वापसी करूंगी। मैं हार नहीं मानूंगी।
PunjabKesari
कोच बिशेश्वर नंदी ने कहा कि एशियाई खेलों में प्रोडुनोवा करने की कोशिश के लिए समय नहीं है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि दीपा इस साल के अंत तक प्रोडुनोवा के साथ वापसी करने में सफल होंगी। दीपा ने एशियाई खेलों में अपनी संभावनाओं को लेकर कहा- एशियाई खेल काफी मुश्किल होते हैं।
PunjabKesari
चीन, जापान, कोरिया से बड़ी चुनौती मिलेगी। मैं पदक का वादा नहीं कर सकती। लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी। विश्व कप में मुझसे कहां गलती हुई , मुझे उसकी समझ है। मैं उन आयामों पर काम करूंगी। एशियाई खेलों में मुझे ज्यादा अंक पाने होंगे , शायद 14.2 या 14.3 से मुझे पदक जीतने का मौका मिले।
PunjabKesari