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स्पोर्ट्स डेस्क : न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन ने साल 2012 में रोस टेलर को कप्तान पद से हटाना हटा दिया था लेकिन कीवी टीम के पूर्व कोच के मुताबिक यह उनके करियर का सबसे मुश्किल दौर था और उन्हें इस पर अफसोस नहीं है। टेलर को साल 2012 में सीमित ओवरों की कप्तानी ब्रैंडन मैक्कुलम को सौंपने के आदेश के बाद उन्होंने सभी प्रारूपों से कप्तानी का पद छोड़ दिया था। 

हेसन ने कार्यक्रम में कहा कि निश्चित तौर पर यह मेरे कोचिंग करियर का सबसे मुश्किल दौर था। उन्होंने कहा, 'मैं उन कारणों के बारे में सोचता हूं, जिनकी वजह से मैं कोच हूं। कई बार मैं रात में खुद से पूछता हूं कि क्या मैंने सही कारणों से फैसला किया, क्योंकि मुझे लगता था कि इससे टीम को फायदा होगा।' 

उन्होंने माना कि टेलर की कप्तानी वाले पूरे घटनाक्रम को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। हेसन ने कहा कि यह फैसला गलत समय पर किया गया था, क्योंकि टीम ने तब श्रीलंका पर जीत दर्ज की थी और टेलर ने उसमें एक जीनियस की तरह प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, वह वास्तव में बुरा दौर था। लेकिन मुझे अपने फैसले पर खेद नहीं है, लेकिन मुझे निश्चित तौर पर इसके परिणामों और लोगों ने इसे जिस तरह से समझा, उस पर खेद है।' 

हेसन ने कहा कि टीम में कुछ लोग दोनों पक्षों का समर्थन कर आग में घी डालने का प्रयास कर रहे थे। रोस जिस दौर से गुजरा उससे मुझे उसके प्रति सहानुभूति है लेकिन मेरा आज भी मानना है कि वह सही फैसला था।