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भुवनेश्वर: बेल्जियम जैसी दिग्गज को सडन डैथ में हराने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय टीम हॉकी विश्व लीग फाइनल्स के सेमीफाइनल में कल रियो ओलंपिक चैम्पियन अर्जेटीना के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा आत्ममुग्धता से बचते हुए फाइनल की डगर तय करने का होगा।   

दुनिया की नंबर एक टीम अर्जेंटीना ने इंग्लैंड को 3 -2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत को अभ्यास मैच में उस पर मिली जीत के कारण मनोवैज्ञानिक बढत हासिल होगी लेकिन इस टूर्नामेंट में खराब फार्म के बावजूद उलटफेर में माहिर अर्जेंटीना को हलके में लेने की गलती मेजबान कभी नहीं कर सकता। कलिंगा स्टेडियम पर दस हजार से ज्यादा दर्शकों के सामने भारत ने कल जो मुकाबला जीता, वह बरसों तक हॉकीप्रेमियों के जेहन में रहेगा। सटीक पेनल्टी कार्नर, तेज तर्रार आक्रमण, अडिग डिफेंस और सबसे अहम जीत के तेवर सभी कुछ टीम के पास था। सोने पे सुहागा रहा दर्शकों का समर्थन जो कल फिर ‘इंडिया इंडिया’, ‘चक दे इंडिया’ का शोर मचाते हुए ऊर्जा का संचार करेंगे।   

पिछली चैम्पियन आस्ट्रेलिया से ड्रा खेलकर उम्दा शुरूआत करने वाली भारतीय टीम इंग्लैंड और जर्मनी के खिलाफ उस लय को कायम नहीं रख सकी। ऐसा लग रहा था कि पिछली बार की तरह कांसे का तमगा भी नहीं जीत सकेंगे लेकिन क्वार्टर फाइनल में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम के खिलाफ मनप्रीत सिंह एंड कंपनी ने सारे कयासों को धता बताते हुए उलटफेर किया।   

लीग चरण में तीनों मैच जीतने वाली बेल्जियम के खिलाफ पहले ही मिनट से भारत ने आक्रामक हॉकी का मुजाहिरा पेश किया। मुकाबला शूटआउट तक गया जिसमें गोलकीपर आकाश चिकते ने शानदार प्रदर्शन करके इसे सडन डैथ तक खिंचा और फिर हरमनप्रीत ने विजयी गोल दागकर भारत को अंतिम चार में पहुंचाया ।नाकआउट मुकाबलों से पहले भारत का पेनल्टी कार्नर बेहतर हुआ और आम तौर पर दबाव में घुटने टेकने वाला डिफेंस अडिग नजर आया।   

टीम के प्रदर्शन से संतुष्ट कोच शोर्ड मारिन ने कहा कि मैच दर मैच खेल में निखार आया है और भारतीय हॉकी का स्तर बेहतर होता जा रहा है । यह युवा टीम है जिसने गलतियां भी की है लेकिन दबाव के मैच में अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाई है । उन्होंने कहा कि स्ट्राइकरों ने तो अच्छा प्रदर्शन किया ही लेकिन डिफेंस की भी तारीफ करनी होगी जिसने बेल्जियम को ज्यादा मौके नहीं दिए । अब हालांकि इस जीत को भुलाकर अगले मैच पर फोकस करना है ।