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नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की कि स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा को अपनी शिकायतें उठाने और अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) द्वारा कथित तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि खिलाड़ी को निशाना नहीं बनाया जा सकता है और अगर उसे निशाना बनाया जा रहा है तो यह 'गंभीर समस्या' है। उच्च न्यायालय बत्रा की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में अनिवार्य उपस्थिति के नियम को रद्द करने की मांग की गयी थी।

अदालत ने टीटीएफआई को बत्रा के संबंध में अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया। बत्रा ने राष्ट्रीय खेल संस्था के खिलाफ शिकायत की थी। देश की शीर्ष रैंकिंग की महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बत्रा ने दावा किया था कि अदालत में अपनी शिकायत दर्ज करने के कारण राष्ट्रीय महासंघ उन्हें निशाना बना रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय महासंघ भी उनके साथ एक आरोपी की तरह व्यवहार कर रहा है। इसके बाद अदालत ने यह फैसला दिया।

टीटीएफआई के वकील ने हालांकि इसका पुरजोर खंडन किया। उच्च न्यायालय ने 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चयन के लिये राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में अनिवार्य उपस्थिति के टीटीएफआई के नियम पर रोक लगा दी थी और केंद्र से खेल संस्था के खिलाफ बत्रा की शिकायत की जांच करने को कहा था। केंद्र के वकील अपूर्व कुरुप ने शुक्रवार को अदालत को सूचित किया कि जांच रिपोर्ट तैयार है। न्यायधीश ने उन्हें इसे सीलबंद लिफाफे में जमा करने के लिये कहा।

अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तिथि सूचीबद्ध करें जिस दिन टीटीएफआई 23 सितंबर के बाद याचिकाकर्ता के संबंध में अंतरराष्ट्रीय महासंघ के साथ हुए पत्र व्यवहार की प्रतियां जमा करेगा। सुनवाई के दौरान बत्रा की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ एडवोकेट सचिन दत्ता ने कहा कि खिलाड़ी महासंघ के निशाने पर है और अदालत के स्थगन आदेश के बाद वे उसे निशाना बना रहे हैं।

बत्रा के वकील ने उनकी तरफ से कहा कि अंतरराष्ट्रीय महासंघ मेरे साथ एक आरोपी की तरह व्यवहार कर रहा है क्योंकि राष्ट्रीय महासंघ ने निश्चित तौर पर उन्हें इस बारे में लिखा होगा। मैं प्रतियोगिताओं के लिये अभ्यास पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही हूं। न्यायाधीश ने इस पर गौर करते हुए कहा कि फिर मंत्रालय क्या कर रहा है? उन्हें इसकी जांच करनी चाहिए। उसे (बत्रा) निशाना नहीं बनाया जा सकता। मैं चाहती हूं कि कुछ गंभीर कदम उठाये जाएं। इस महासंघ को भंग करके एक तदर्थ समिति नियुक्त की जानी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि महासंघ का उद्देश्य क्या है? आप खिलाड़ी और खेल को बढ़ावा देना चाहते हैं या इस तरह की चीजें ही करना चाहते हैं? बत्रा को एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप 2021 की भारतीय टीम में नहीं चुना गया था। उन्होंने राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उन पर अपनी एक प्रशिक्षु के पक्ष में ओलंपिक क्वालीफायर मैच हारने का दबाव बनाया था।