Sports

नई दिल्ली : क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने के बाद भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। हरभजन सिंह ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कुछ अधिकारी और पूर्व कप्तान एमएस धोनी मुझे राष्ट्रीय टीम से बाहर करने के लिए जिम्मेदार थे। हरभजन सिंह ने 41 साल की उम्र में दिसंबर 2021 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान किया था।

महान स्पिनर ने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों से मिले व्यवहार के बारे में खुलासा किया है। हरभजन सिंह ने कहा कि  किस्मत ने हमेशा मेरा साथ दिया है। बस कुछ बाहरी कारण मेरे साथ नहीं थे और हो सकता है वे पूरी तरह से मेरे खिलाफ थे। इसका कारण यह है कि मैं जिस तरह से गेंदबाजी कर रहा था या जिस गति से मैं आगे बढ़ रहा था। मैं 31 साल का था जब मैंने 400 विकेट लिया। अगर मैं 4-5 और साल खेलता तो मैं आपको बता सकता हूं कि मैं 100-150 और अधिक विकेट लेत सकता था।

हरभजन सिंह ने कहा कि धोनी तब कप्तान थे लेकिन मुझे लगता है कि यह बात धोनी के सिर से ऊपर थी। कुछ हद तक कुछ बीसीसीआई अधिकारी इसमें शामिल थे जो चाहते थे कि मैं टीम में ना रहूं और कप्तान धोनी ने भी उनका साथ दिया।  पर एक कप्तान कभी भी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता। बीसीसीआई के अधिकारी हमेशा कप्तान, कोच या टीम से बड़े रहे हैं।

हरभजन ने आगे कहा कि बीसीसीआई के इशारे पर धोनी को बेजोड़ समर्थन मिला। धोनी के पास अन्य खिलाड़ियों की तुलना में बेहतर समर्थन था और अगर बाकी खिलाड़ियों को भी उसी तरह का समर्थन मिलता तभी वे खेलते। ऐसा नहीं था कि बाकी खिलाड़ी अचानक बल्लेबाजी और गेंदबाजी करना भूल गए थे। हरभजन सिंह ने कहा कि हर खिलाड़ी भारत की जर्सी पहनकर संन्यास लेना चाहता है लेकिन किस्मत हमेशा आपके साथ नहीं होती और कभी-कभी आप जो चाहते हैं वह नहीं होता है। आपने वीवीएस (लक्ष्मण), राहुल (द्रविड़), वीरू (वीरेंद्र सहवाग) जैसे बड़े नाम  और कई अन्य जिन्होंने बाद में संन्यास ले लिया, उन्हें मौका नहीं मिला।
 
हरभजन ने अपने जीवन पर बायोपिक बनाने की इच्छा भी जताई। हरभजन ने कहा कि मैं अपने जीवन पर एक फिल्म या वेब सीरीज बनाना चाहता हूं ताकि लोग मेरी कहानी के बारे में भी जान सकें कि मैं किस तरह का आदमी हूं और मैं क्या करता हूं। मैं यह नहीं कह सकता हूं कि मेरी बायोपिक में कौन विलेन होगा क्योंकि यहां एक नहीं बल्कि कई हैं।