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नई दिल्लीः करीब तीन साल पहले दिग्गज अनिल कुंबले 'स्पिन स्टार्स हिंट' के लिए बेंगलुरु रवाना हुए थे। उस दौरान दो हजार स्पिनरों का टेस्ट लेने के बाद कुंबले ने 110 गेंदबाजों को चुना था। इसी टेस्ट में एक लड़के को सेलेक्टर्स ने फेल कर दिया था, लेकिन कुंबले के अनुरोध करने पर इस लड़के को सेलेक्ट किया गया। जिस लड़के की हम बात कर रहे हैं वो शंकर सज्जन है। 18 वर्षीय शंकर दोनों हाथों से दिव्यांग है।

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शंकर की गेंदबाजी कोई भी हल्के में नहीं ले सकता
14 जून से शुरू होने जा रहे भारत और अफगानिस्तान के बीच टेस्ट मैच से पहले दोनों टीमें प्रैक्टिस सैशन में खूब पसीना बहा रही हैं। हाल ही में शंकर को अफगानिस्तान के बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजी कराने के लिए भेजा गया था। शुरुआत में तो अफगानी बल्लेबाज उन्हें हल्के में लेते रहे लेकिन जैसे ही उनके विकेट धड़ाधड़ चटकने शुरू हुए। उन्हें पता चल गया कि उनसे इस गेंदबाज की प्रतिभा को आंकने में भूल हुई है। बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा दिक्कत शंकर की गुगली को खेलने में हुई। वह समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर कैसे दोनों हाथों से दिव्यांग कोई शख्स इतनी सधी हुई लाइन और लेंथ के साथ गेंद फेंक सकता है। 

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कुंबले और राशिद खान हैं इनके हीरो 
शंकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया, ''कुंबले और राशिद खान मेरे हीरो हैं। मैं उन दोनों को ही बहुत प्यार करता हूं।'' शंकर ने आगे बताया, ''जब मैं प्रैक्टिस के बाद एरिना से बाहर निकला तो अफगानी क्रिकेटर मोहम्मद नबी मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि बड़े सपने देखो, तुम बहुत आगे जाओगे।'' उन्होंने कहा, ''मैं कुंबले सर का प्रशंसक हूं और यह मेरा सपना सच होने जैसा है। उन्होंने मुझसे कहा है कि वह मेरी पढ़ाई और ट्रेनिंग प्रायोजित करेंगे।'' शंकर सज्जन फिलहाल बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में नियमित प्रैक्टिस करते हैं। इसीलिए कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी ने उन्हें अफगानी खिलाड़ियों को गेंद फेंकने के लिए उन्हें बुलाया था। 

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इनकी निजी जिंदगी आसान नहीं रही
शंकर ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था। उनकी जिंदगी इतनी भी आसान नहीं रही है। छह साल पहले जब वह क्रिकेट सीखने के लिए बीजापुर के साहू क्रिकेट क्लब में गए तो कोच ने उनसे कहा कि तुम सिर्फ एक शर्त पर ही क्रिकेट खेल सकते हो, जब तुम गेंदबाज बनने के लिए तैयार हो। कड़ी मेहनत के बूते शंकर ने सभी टेस्ट पास कर लिए और आज वह बेहतरीन गेंदबाज बनने की राह पर चल पड़े हैं। हालांकि अभी यह कहना तो जल्दबाजी होगी कि शंकर भविष्य में कैसा प्रदर्शन करते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि एक खास गेंदबाज ने दूसरे खास गेंदबाज को खोज निकाला है।