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नूर सुल्तान (कजाखस्तान) : भारत के गुरप्रीत सिंह को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद सोमवार को यहां विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के करीबी मुकाबले में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी विक्टर नेमेस से हार का सामना करना पड़ा जबकि नवीन भाग्य के सहारे पदक की दौड़ में बने हुए हैं। नवीन को ग्रीको रोमन शैली में 130 किग्रा वर्ग के क्वालीफिकेशन दौर में 2018 पैन अमेरिकी चैंपियन आस्कर पिनो हिंडा के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था लेकिन क्यूबा के पहलवान के फाइनल में पहुंचने से भारतीय पहलवान की पदक जीतने की उम्मीदें जीवंत बनी हुई हैं।

नवीन को अब कांस्य पदक दौर में पहुंचने के लिए पहले एस्तोनिया के हीकी नबी और फिर किर्गिस्तान के मुरात रामोनोव को हराना होगा। गुरप्रीत ने 77 किग्रा वर्ग के मुकाबले में 2017 के विश्व चैंपियनशिप विक्टर के खिलाफ 1-0 से बढ़त बनाई जब सर्बियाई पहलवान को अधिक रक्षात्मक रवैया अपनाने के लिए एक अंक की पेनल्टी दी गई। पहले पीरियड के बाद गुरप्रीत 1-0 से आगे थे। दूसरे पीरियड में गुरप्रीत ने अधिक रक्षात्मक रवैया अपनाने के कारण अंक गंवाया। विक्टर ने इस बीच गुरप्रीत को मैट से बाहर करने का प्रयास किया लेकिन सर्कल के किनारे पर संतुलन गंवा बैठे और भारतीय पहलवान के साथ गिर गए लेकिन इसके बावजूद रैफरी ने सर्बिया के पहलवान को दो अंक दिए।

भारतीय कोच हरगोविंद ने इस फैसले को चुनौती दी लेकिन फैसला उनके खिलाफ गया जिससे गुरप्रीत ने एक और अंक गंवाया। सर्बियाई पहलवान ने इसके बाद अपनी बढ़त बरकरार रखते हुए अगले दौर में जगह बनाई। विक्टर को इसके बाद क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान के अशखत दिलमुखामेदोव के खिलाफ हार झेलनी पड़ी जिससे गुरप्रीत की रेपेचेज के जरिए पदक के लिए चुनौती पेश करने की उम्मीद भी टूट गई। विक्टर के खिलाफ शिकस्त से पहले गुरप्रीत ने शानदार शुरुआत करते हुए आस्ट्रिया के माइकल वैगनर को चित्त किया था।

मनीष ने भी 60 किग्रा वर्ग के 1/16 मुकाबले में फिनलैंड के लारी योहानेस मेखोनेन को हराया। भारतीय पहलवान एक समय 0-3 से पीछे था लेकिन इसके बाद लगातार 11 अंक के साथ उसने तकनीकी दक्षता के आधार पर जीत दर्ज की। मनीष ने मैट पर तेजी और आक्रामकता दिखाई जबकि मेखोनेन ने बमुश्किल हमला किया। मनीष को हालांकि अगले दौर में मालदोवा के दुनिया के तीसरे नंबर के पहलवान विक्टर सियोबानु के खिलाफ तकनीकी दक्षता के आधार पर हार का सामना करना पड़ा। मालदोवा का मुक्केबाज इसके बाद क्वार्टर फाइनल में जापान के केनिचिरो फुमिता से हार गया जिससे मनीष पदक की दौड़ से बाहर हो गए।