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स्पोर्ट्स डेस्क: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब गौतम गंभीर  की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदारों से कथित तौर पर धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में लगातार समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर बुधवार को पूर्व क्रिकेटर गंभीर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। अब गंभीर ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है और सोशल मीडिया पर की गई कुछ पोस्ट के जरिए बताया है कि क्रिकेट और अन्य व्यवसायिक कामों के चलते वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे।
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गंभीर ने ट्वीट कर बताया कि, 'कोर्ट की तारीखें उनके रणजी मुकाबलों और बाकी कमर्शियल कामों से टकरा रही थीं जिसके चलते वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके और उनके नाम से वारंट जारी हो गया। इसके साथ ही गंभीर ने कहा कि उनका वकील हर तारीख पर कोर्ट में मौजूद रहते थे, वह हमेशा ही कानून का पालन करते रहे हैं। इसके साथ ही गंभीर ने साफ कर दिया कि वह इस कंपनी के ब्रैंड एंबेसडर थे ना कि इसमे उनकी कोई भूमिका थी।'

क्या है मामला
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बता दें कि रियल एस्टेट फर्म, रुद्र बिल्टवेल रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ अदालत में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। यह मामला कंपनी द्वारा एनसीआर में चलाए जा रहे उसके प्रोजेक्ट्स को समय पर डिलीवर नहीं करने और पैसे के लेन-देन में हेराफेरी के आरोप में दर्ज कराया गया है। जिन प्रोजेक्ट्स में धांधली के आरोप लगे हैं, उनके लिए कंपनी ने गौतम गंभीर को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया था।

आरोप है कि गंभीर का चेहरा सामने रखकर कंपनी ने निवेशकों से करोड़ो रुपए इकट्ठा किए, लेकिन उन्हें समय पर फ्लैट्स की डिलीवरी नहीं दी है। जिसके बाद निवेशकों ने अदालत का रुख किया है। धोखाधड़ी के इस मामले में गौतम गंभीर को भी आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि गंभीर द्वारा इस मामले में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की थी, जिसे साकेत कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट की सुनवाई में शामिल नहीं होने के चलते साकेत कोर्ट ने बुधवार को गंभीर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए थे। जिसकी मीडिया में खूब चर्चा हुई थी