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नई दिल्ली : भारत के टॉप रैली चालक गौरव गिल इस सप्ताहांत रैली ऑफ ऑस्ट्रेलिया में हिस्सा लेंगे, जो प्रतिष्ठित एफआईए वर्ल्ड रैली चैम्पियनशिप का अंतिम राउंड है। तीन बार के एशिया पैसेफिक रैली चैम्पियन और हाल ही में अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले गौरव ने डब्ल्यूआरसी2 में हिस्सा लिया था और उस रैली में उन्होंने सराहनीय प्रदर्शन किया था। भारत में जेके टायर के एथलीट गौरव अपने सहचालक मार्सनियाल ग्लेन के साथ इंटरनेशनल प्लेटफार्म पर जेके टायर के रंगों में दिखाई देंगे।

गौरव ने रैली ऑफ टक्री के साथ पदार्पण किया था और टॉप-5 में स्थान बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे थे। चार दिनों की रैली में तकरीबन हर दिन तकनीकी खराबी के कारण हालांकि अपने लक्ष्य से भटक गए और उनके हाथ से वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ने का मौका निकल गया। अंतिम दिन फिनिश लाइन से पांच किलोमीटर दूर उनकी आर5 डब्ल्यूआरसी2 काल का गियरबॉक्स फेल हो गया और इस कारण गौरव को निराशा झेलनी पड़ी थी। वह रैली ऑफ वेल्स में वह हिस्सा नहीं ले सके थे लेकिन अब वह 14 से 17 नवम्बर तक होने वाली रैली ऑफ आस्ट्रेलिया के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

गौरव ने प्रैक्टिस रन के बाद न्यू साउथ वेल्स से कहा, ‘बीते कुछ दिनों में मेरी टेस्टिंग शानदार रही है। मैंने चेसी में कई बदलाव किए हैं और अब नई कार के साथ मुझे अच्छा लग रहा है। मैं रैली की शुरुआत का इंतजार नहीं कर सकता। मैं इस बार सकारात्मक परिणाम की आशा कर रहा हूं। मैं यहां भारत में मौजूद रैली प्रेमियों के प्यार को इंजॉय कर रहा हूं। सोशल मीडिया पर मुझे कई सारी शुभकामनाएं मिल रही हैं।' जेके टायर मोटरस्पोटर्स के प्रमुख संजय शर्मा ने कहा, ‘‘गौरव को फिर से कार में सवार देखकर अच्छा लग रहा है। यह उनका फेवरिट टैरेन है। मैं चाहता हूं कि वह अपने स्वाभाव के अनुरूप आक्रामक ड्राइविंग करें और अपनी छाप छोड़ें।'

बीते साल के प्रदर्शन पर नजर डालें तो इस साल गौरव के पोडियम फिनिश के अच्छा चांसेज हैं। उन्हें बस रैली पूरी करने पर ध्यान लगाना है और इसके बाद वह यह मुकाम हासिल करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। रैली ऑफ आस्ट्रेलिया हालांकि न्यू साउथ वेल्स में स्थित कॉफ्स शहर के आसपास के जंगलों में लगी आग के कारण सीमित कर दी गई है। आयोजकों ने कहा है कि वे इमरजेंसी सर्विसेज वालों के सम्पर्क में हैं और इस सम्बंध में अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा। यदि रैली को छोटा किया जाता है तो भी चार दिनों तक मुकाबला हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है और इसमें कोई बाधा नहीं आती दिख रही है।