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स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व फारवर्ड पी.कन्नन की लम्बी बीमारी के चलते रविवार को निधन हो गया। भारत की ओर से 14 मैच खेल चुके कन्नन पिछले महीनों से काफी बीमार चल रहे थे। निधन के बाद एक ओर जहां फुटबॉल जगत में शोक की लहर थी तो दूसरी दोनों पत्नियों की आपसी कलह के चलते तीन दिन तक शव का अंतिम सस्कार नही हो पाया। जिसके चलते उनका शव शवदाह गृह में रखा गया।

Former footballer's dead body, no Saskar last three days

कन्नन कोलकाता में रहते थे और उनके परिवार में पत्नी एंटोनेटी और दो बेटियां हैं। निधन के बाद जब उनके परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारी कर लीं थी तभी पहली पत्नी विजय लक्ष्मी बंगलुरू से यहां पहुंच गई साथ ही उन्होंने विवाह प्रमाणपत्र दिखाकर शव पर अपना दावा पेश किया। लक्ष्मी शव को अपने साथ ले जाने की मांग करने लगीं इसी बीच दोनों पत्नियों के बीच काफी बहस भी हुई। आपको बतां दे कि तीन दिनों तक यह लड़ाई चलती रहीं। विवाद के दौरान पता चला कि कन्नन की तीसरी पत्नी भी थी लेकिन जिसका अभी तक कोई पता नही लग पाया है।

काउंसलर संजय दास ने पीटीआई से कहा कि मामले को सुलझा लिया गया है और एंटोनेटी के मानने के बाद ही उनकी पहली पत्नी शव को अपने साथ बेंगलुरू अंतिम संस्कार हेतु ले गई है। कन्नन की कोलकाता में रहने वाली पत्नी एंटोनेटी ने कहा कि उन्होंने अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के साथ ही शव उन्हें सौंप दिया है। उन्होंने कहा, ''मैंने अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया और उन्हें शव सौंप दिया। मेरे पास सारे दस्तावेज हैं। जब वह जीवित थे और उन्हें जरूरत थी तब मैंने उनकी देखभाल की। शव पर झगड़ा करने का कोई मतलब नहीं था। एक पत्नी के रूप में मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया।''