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स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट टीम के द वॉल के नाम से मशहूर पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने अपने जीवन में क्रिकेट में काफी मेहनत करके आज वो इस मुकाम पर पहुंचे है। द्रविड़ ने अपने क्रिकेट करियर के बारे में बात करते हुए बताया कि क्लब क्रिकेट खेलने से उन्होंने काफी कुछ सीखा, जो आगे जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके काम आया।
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द्रविड़ ने बैंगलोर युनाइटेड क्रिकेट क्लब (बीयूसीसी) की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। द्रविड़ ने इस मौके पर क्लब क्रिकेट के अपने दिनों को याद किया। एक वेबसाइट  के मुताबिक राहुल ने कहा, '10वीं क्लास का लड़का होकर मैं ड्रेसिंग रूम में गया था। उस समय रोजर बिन्नी मेरे कप्तान थे। जब बिन्नी और सैयद किरमानी सर ने 1983 में विश्व कप जीता था, तब में सिर्फ 10 साल का था।  तीन-चार साल बाद 1989-90 में मैं इन लोगों के साथ क्लब क्रिकेट खेल रहा था। यह मेरे लिए काफी प्ररेणा वाली बात थी। इससे मेरे क्रिकेट करियर को काफी फायदा हुआ।'
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भारत की मौजूदा अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के कोच द्रविड़ ने कहा, 'इससे भी अहम, मैंने जो क्लब क्रिकेट से सीखा उसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा। जो समर्थन मुझे मिला। जो साथ मुझे मेरे करियर में मिला। जो सीख मुझे मिली वो काफी बड़ी थी। मैंने रोजर को क्लब क्रिकेट में बल्लेबाजी करते देखा है। किरमानी सर को क्लब क्रिकेट में खेलते देखा है। इन सभी बातों से मैंने काफी कुछ सीखा।' द्रविड़ ने कहा, 'एक युवा खिलाड़ी के तौर पर मेरी कई यादें उस समय और उन लोगों से जुड़ी हैं। मैं हर किसी का नाम नहीं ले सकता क्योंकि काफी सारे लोगों से मैंने काफी कुछ सीखा। क्लब के 100 वर्ष पूर्ण होने पर क्लब के अध्यक्ष के तौर पर यहां मौजूद होना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है।'